रांची(RANCHI: झारखंड में साल के अंत में विधानसभा का चुनाव होना है. इस चुनाव को देखते ही सभी राजनीतिक दल Active मोड में आ गए है. सभी दल अपने अपने कार्यक्रम तय कर तैयारी में जुट गई है. इस तैयारी में झामुमो और कांग्रेस भी रेस में पीछे नहीं है. बस फर्क इतना है कि एनडीए का मुद्दा और रणनीति उनके कार्यालय से तय हो रहा है और झामुमो का होटवार जेल से. लोकसभा चुनाव के जैसा ही विधानसभा चुनाव में इंडी गठबंधन का सेंटर जेल होने वाला है. अब तो चर्चा यह भी होने लगी की झामुमो का कैम्प कार्यालय होटवार में खुल गया है.
दरअसल झारखंड की सत्ता में काबिज झारखंड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन है और हेमंत सोरेन कार्यकारी अध्यक्ष. गुरुजी ने अब तक जो भी निर्णय लिए है वह हेमंत से राय सलाह से ही लिया है. लेकिन अब गुरुजी का स्वास्थ्य बेहतर नहीं है. भीड़ भाड़ वाले जगह पर वह नहीं जा सकते है. जिससे पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के कंधे पर पूरा भार आगया है. लेकिन यह पहला विधानसभा का चुनाव होगा जब हेमंत सोरेन सलाखों के पीछे कैद है.बता दे कि ईडी ने हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
अब जेल में बंद हेमंत सोरेन के सामने एक बड़ी चुनौती विधानसभा चुनाव में है. आखिर कैसे विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर कर सके.यही कारण है कि हेमंत सोरेन से जेल में कई इंडी गठबंधन के कई बड़े नेता मुलाकात कर उनकी रणनीति को समझने की कोशिश कर रहे है. जेल से ही हेमंत राजनीतिक बिंदुओं पर दिशा निर्देश दे रहे है. हेमन्त सोरेन से सूबे के मुखिया चम्पाइ सोरेन से लेकर कांग्रेस प्रदेश प्रभारी मीर मुलाकात कर चुके है. इस मुलाकात के कई मायने है.
बता दे कि सोमवार को कांग्रेस की एक बड़ी बैठक दिल्ली में आयोजित की गई थी.इस बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर आगामी विधानसभा चुनाव पर चर्चा हुई .इसके बाद ठीक दूसरे दिन यानी मंगलवार को कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर दिल्ली से सीधे रांची पहुंचे. एयरपोर्ट से सीधे वह होटवार जेल गए. इस दौरान उनकी मुलाकात हेमन्त सोरेन और आलमगीर आलम से हुई है.इस मुलाकात में आलाकमान का संदेश और विधानसभा चुनाव के साथ साथ अन्य मुद्दो पर घण्टों बात हुई है.
मीर से पहले झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन भी हेमंत सोरेन से मिलने कई बार होटवार जेल जा चुके है. लोकसभा चुनाव हो या फिर आम दिन चंपाई सोरेन की कई बार मुलाकात हुई है. इस मुलाकात के बाद कई घोषणा भी चंपाई सोरेन सरकार ने किया है. इससे साफ है कि चुनाव में भले हेमंत नेताओं के बीच नहीं है लेकिन पर्दे के पीछे से पूरा खेल वही खेल रहे है.