गुमला (GUMLA) : जिला के डीसी सुशांत गौरव इन दिनों सदर अस्पताल की व्यवस्था को बेहतर करने को लेकर कई स्तर पर काम कर रहे हैं. डीसी अस्पताल की व्यवस्था को बेहतर करने की हो रही पहल का न केवल स्वागत किया है, बल्कि इसमें हर सम्भव मदद करने का दावा भी करते हैं. गुमला एक आदिवासी बहुल पिछड़ा जिला है. यहां 80 प्रतिशत आबादी पूरी तरह से स्वास्थ्य सुविधा के लिए सदर अस्पताल पर ही आश्रित है. लेकिन सदर अस्पताल की व्यवस्था के तो क्या कहने. ग्रामीणों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए आए दिन राजधानी रांची के चक्कर काटने पड़ते हैं. ऐसे में डीसी के संकल्प से अगर गुमला सदर अस्पताल की बदहाली दूर होगी तो यहां के आबादी को जिला में ही बेहतर स्वास्थ्य संबंधित सुविधा मिल पाएगी.
जल्द दिखेगा अस्पताल में बदलाव
गुमला जिला झारखंड का एक ऐसा आदिवासी बहुल पिछड़ा जिला है जहां की 80 प्रतिशत आबादी पूरी तरह से स्वास्थ्य सुविधा के लिए सदर अस्पताल पर ही आश्रित है. यह आज की बात नहीं है लम्बे समय से चली आ रही है. पूर्व के पदाधिकारियों को भी इस बात की जानकारी अच्छी तरह से थी. जिन्होंने अपनी ओर से इसे सुधारने का एक सामान्य तरीके से प्रयास किया, लेकिन जब जिला के डीसी के रूप में सुशांत गौरव आये तो उन्होंने सबसे प्राथमिक सूची में अस्पताल को ही रखा उसके बाद से नियमित रूप से वे सदर हॉस्पिटल का विजिट करते रहे हैं. साथ ही लगातार इसे बेहतर बनाने की पहल कर रहे हैं. जिला के लोगों को सभी तरह का लाभ मिल सकें इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं. सदर हॉस्पिटल में जांच की समुचित व्यवस्था के साथ ही सही रूप से इलाज हो सकें, इस दिशा में भी काम कर रहे हैं. डीसी ने भी माना कि जल्द ही हॉस्पिटल में बदलाव दिखेगा.
गरीबों को मिलेगा लाभ
वहीं सदर हॉस्पिटल की व्यावस्था को बेहतर करने को लेकर डीसी सुशांत गौरव की ओर से हो रही पहल से लोगों में भी काफी खुशी है. स्थानीय व्यक्ति विभव सिन्हा ने कहा कि जिला के लोग पूरी तरह से आश्रित है, ऐसे में इसका सही रूप से विकास होता है तो लोगों को इसका काफी लाभ मिलेगा. वहीं बीजेपी नेता सविंद्र सिंह ने भी माना कि अगर सदर हॉस्पिटल की स्तिथि सुधर जाय तो स्थानीय गरीबों को काफी लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल का भवन काफी अच्छा है. बस व्यवस्था सही कर दी जाय तो लोगों को इलाज के लिए रांची के चक्कर नहीं काटना पड़ेगा.
घट जाएंगे मौत के आकड़े
जिला के लोगों के लिए सबसे बड़ी परेशानी का कारण जिला में सही रूप से स्वास्थ्य सेवा का ना होना है. अगर जिला के डीसी सुशांत गौरव की पहल से सदर हॉस्पिटल की स्तिथि में सुधार होता है तो निश्चित रूप से एक तो कई गरीबों की असमय मौत पर रोक लगेगी. वहीं इससे लोगों के बीच प्रशासन का इमेज भी बेहतर हो पायेगा.