गोड्डा(GODDA): रंगों का त्यौहार होली गोड्डा जिला में सम्पन्न हो गया. होली सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हो, इसको लेकर जिला प्रशासन एक सप्ताह पूर्व से ही तैयारी शुरू कर देती है. थाना स्तर से लेकर जिला स्तर तक शांति समिति की बैठक आयोजित किए जाते हैं. तरह-तरह के निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन उन निर्देशों का कितना पालन होता है उसकी बानगी देखने को मिली गोड्डा जिला में. जिले के महगामा थाना क्षेत्र में कल होली के दिन दो ऐसी घटना घटी जिसकी चर्चा आज हर जुबान पर है. एक तरफ थाना परिसर में पुलिसकर्मियों की शराब पार्टी का वीडियो वायरल हुआ तो दूसरी तरफ एक किशोरी की हत्या कर दी गयी. आज किशोरी का शव बरामद हुआ.
किशोरी की लाश बरामद
दरअसल जिले के महागामा थाना क्षेत्र के गोविंदपुर पहाड़ के समीप गुरुवार की सुबह एक किशोरी का शव लोगों ने देखा तो इसकी सूचना महगामा थाना को दी गयी. सूचना मिलते ही दल-बल के साथ एसडीपीओ स्थल पर पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लिया. किशोरी कल यानी होली की शाम से ही लापता हो गयी थी. वह देर शाम अबीर लेकर अपनी सहेलियों के घर जाने की बात कहकर निकली थी जो देर रात तक नही लौटी. माता पिता और परिजनों द्वारा रात 9 बजे के बाद से उसके मोबाइल पर कॉल किया जाने लगा. मोबाइल बंद मिलने पर इसकी सूचना महागामा थाने को दी गई. आज उसका शव गोविंदपुर पहाड़ के पास खेत में मिला. लड़की के सर पर किसी धारदार हथियार से वार कर बेरहमी से हत्या की गई है. पुलिस शव को बरामद कर पोस्ट मार्टम के लिए गोड्डा भेज तहकीकात में जुट गयी है.
शराब के नशे में ठुमके लगाते हुए पुलिस कर्मियों का वीडियो वायरल
वहीँ दूसरी तरफ इस घटना के बाद एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा, जो महागामा थाना परिसर का है. जहां कुछ पुलिसकर्मी होली के गीत पर शराब के साथ ठुमके लगाते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो के वायरल होते ही लोगों द्वारा प्रतिक्रिया भी दिया जाने लगा कि जब पुलिस वाले शराब पर ठुमके लगाने में व्यस्त थे तो लापता लड़की की तलाश के नाम पर महज खाना पूर्ति की गई होगी.
वायरल वीडियो गोड्डा एस पी नाथू सिंह मीणा के पास भी पहुंच गया. एसपी ने इसकी जांच की जिम्मेदारी महागामा एसडीपीओ को सौंपी. एसडीपीओ ने अपने जांच में वीडियो को सही पाया जिसके आधार पर एसपी ने कार्रवाई करते हुए 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित करते हुए लाइन हाजिर कर दिया. निलंबित पुलिस कर्मियों में ASI बिपिन बिहारी राय और आरके सिंह तथा तीन आरक्षी सत्येन्द्र नारायण सिंह, कृष्णा कुमार सिंह तथा प्यारे मोहन सिंह शामिल हैं.
समय-समय पर झारखंड पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठते रहे हैं. गोड्डा के महगामा थाना क्षेत्र की घटना ने एक बार फिर पुलिस महकमा को कटघरे में खड़ा कर दिया है. अब इस घटना को लेकर राजनीति भी होगी, क्योंकि सरकार को घेरने के लिए भाजपा को बैठे-बैठाए एक मुद्दा मिल गया. राजनीति अपने स्थान पर है. वह चलती रहेगी, लेकिन यह सत्य है कि अगर कल शाम परिजनों की सूचना पर अगर महागामा थाना की पुलिस सक्रिय होती तो शायद किशोरी की जान बच सकती थी.
रिपोर्ट: पंचम झा, दुमका