धनबाद(DHANBAD): धनबाद के गोविंदपुर थाना क्षेत्र में रंगदारी के लिए बुधवार को फायरिंग की पांचवीं घटना घटी. बुधवार को आमाघाटा के पास कारोबारी कृष्णा मंडल को गोली मार दी गई. बगल की दुकानदार मनोज बच गए. वह कृष्णा मंडल को गोली लगने के बाद उनके पास पहुंचे थे. गोविंदपुर में रंगदारी के लिए फायरिंग की पहली घटना सिटी फ्यूल्स पेट्रोल पंप पर हुई थी. उसके बाद बहादुरपुर निवासी बंटी चौधरी के गेट पर फायरिंग की गई थी. बिहारी लाल चौधरी की कपड़ा दुकान को निशाना बनाया गया था. खालसा होटल में अपराधियों ने बमबाजी की थी. फिर बुधवार को कृष्णा मंडल को गोली मार दी गई.
3 महीना पहले आया था रंगदारी के लिए धमकी भरा कॉल
कृष्णा मंडल के परिजन कहते हैं कि 3 महीना पहले उन्हें रंगदारी के लिए धमकी भरा कॉल आया था. लेकिन यह किसने किया था, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है. इधर पुलिस का कहना है कि रंगदारी के लिए धमकी की कोई सूचना नहीं है. कोई मामला भी थाना में प्रतिवेदित नहीं हुआ है. खैर, जो भी हो लेकिन गोविंदपुर को अपराधियों ने निशाने पर ले रखा है. यह अलग बात है कि कृष्णा मंडल को गोली मारने के बाद पुलिस एक्टिव हो गई है. पुलिस ने कृष्णा मंडल को लोकल अस्पताल से दुर्गापुर मिशन अस्पताल लेकर गई. कृष्णा मंडल का बयान अभी पुलिस नहीं ले पाई है. स्पेशल टीम भी सक्रिय हो गई है.
पूरी घटना
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बाइक पर सवार दो अपराधी कृष्णा मंडल की दुकान पर पहुंचे. एक हेलमेट पहन रखा था जबकि दूसरा मफलर लपेटे हुए था. हेलमेट पहना युवक बाइक पर ही बैठा था ,जबकि मफलर लपेटे युवक ग्राहक बनकर दुकान में गया और कुछ सामान की मांग की. जैसे ही कृष्णा मंडल सामान देने के लिए उठे, उन पर फायरिंग कर दी. ऐसा लगता है कि फायरिंग करने वालों को सारी बातों की जानकारी थी. कृष्णा मंडल का स्टाफ छुट्टी पर गया हुआ है. इस वजह से कृष्णा मंडल दुकान पर बैठे हुए थे. अमूमन वह दुकान पर बैठने नहीं है. जमीन के कारोबार के लिए अलग ऑफिस बना रखा है. वहीं अधिकतर रहते है. लेकिन बुधवार को स्टाफ नहीं होने के कारण दुकान पर बैठे थे और फायरिंग की घटना हो गई. पुलिस यह मानकर चल रही है कि फायरिंग की घटना जमीन विवाद को लेकर हुई है. कृष्णा मंडल के शरीर में गोली फसी हुई है. हो सकता है कि दुर्गापुर अस्पताल में ऑपरेशन कर गोली निकाला जाए. कृष्णा मंडल को गोली लगने के बाद उनके परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो