दुमका (DUMKA): दुमका जिला के मसलिया प्रखंड और सदर प्रखंड के एक सौ से ज्यादा गांव जिला मुख्यालय से जुड़ने के लिए तैयार है. दरअसल मयूराक्षी नदी पर सदर प्रखंड के कुमडाबाद और मसलिया प्रखंड के मकरमपुर गांव के बीच पुल बन कर तैयार है. इसे झारखंड के सबसे लंबा पुल माना जा रहा है.
लंबे समय से थी पुल की मांग
दुमका जिला मुख्यालय से लगभग 13 किलोमीटर दूर मयूराक्षी नदी के किनारे सदर प्रखंड का कुमडाबाद गांव है. माना जाता था कि दुमका का विकास कुमडाबाद गांव पहुँच कर अवरुद्ध हो जाता था. लेकिन अब विकास आगे तक जाएगी क्योंकि मयूराक्षी नदी पर झारखंड की सबसे लंबी पुल बनकर तैयार हो गई है. लंबे समय से ग्रामीण यहां पुल की मांग कर रहे थे. मयूराक्षी नदी के उस पार मसलिया प्रखंड है. जहां के ग्रामीणों को जिला मुख्यालय आने के लिए काफी लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर समय बचाने के लिए नाव से मयूराक्षी नदी पार करते थे. नाव दुर्घटना ने कई ग्रामीण अपनी जान गवां चुके है. ग्रामीणों की परेशानी को देखते हुए पूर्व की रघुवर सरकार ने वर्ष 2018 में इस पुल का शिलान्यास किया था.
198 करोड़ की लागत से बना पुल
12 फरवरी 2018 का दिन दुमका के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. इसी दिन तत्कालीन भाजपा की सरकार से दुमका वासियों को तोहफा के रूप में मयूराक्षी नदी पर बनने वाली पुल का शिलान्यास किया था. यह पील कर्ब 2.34 किलोमीटर लंबी है. जो 31 मार्च 2023 को बनकर तैयार हो गया है.
बेहतरीन पर्यटक स्थल बनेगा यह पुल
यह पुल दुमका का एक बेहतरीन पर्यटन स्थल होगा. क्योंकि पुल के बीचोबीच दोनों तरफ हिल व्यू पॉइंट बनाया गया है. मयूराक्षी नदी का विशाल जल संग्रह क्षेत्र पहाड़ और उस पर हरे भरे पेड़ बरबस लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. हिल व्यू पॉइंट से सन सेट और सन राइज का नायनवीराम दृश्य को लोग अपने कैमरे में कैद कर सकेंगे. पुल से महज कुछ किलोमीटर दूर पर मसानजोर डैम है जो जिले का प्रमुख पर्यटन स्थल है. पुल के उद्घाटन होने के बाद मसानजोर डैम आने वाले पर्यटक प्रकृति की गोद में समय बिताने के लिए जरूर पुल की ओर रुख करेंगे. अभी से ही काफी संख्या में स्थानीय लोग प्रतिदिन पुल देखने पहुँच रहे है.
घटेगी बिहार से पश्चिम बंगाल की दूरी
पुल के उद्घाटन के बाद बिहार से पश्चिम बंगाल की दूरी घटेगी. क्योंकि उद्घाटन के बाद बिहार से दुमका के रास्ते पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाला यह मुख्य मार्ग बन जायेगा. अभी बिहार से आने वाली वाहन दुमका के रास्ते मसानजोर होते हुए पश्चिम बंगाल के सिउरी होकर कोलकाता जाती है.
बायपास की मांग होगी तेज
इस पुल के चालू होने के बाद हैवी ट्रैफिक की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. वर्तमान समय मे दुमका से कुमडाबाद जाने वाली सड़क संकीर्ण है, साथ ही सघन अधिवास के बीचोबीच सड़क गुजरती है. पुल के चालू होने के बाद जब वाहनों का परिचालन बढेगा तो आए दिन दुर्घटना के साथ सड़क जाम की स्थिति बनेगी. इससे निजात दिलाने के लिए बाईपास रोड की मांग होगी. इसकी सुगबुगाहट अभी से शुरू हो गयी है. झारखंड की सबसे लंबी पुल बनकर तैयार हो गई है. अब लोगों को इसके उद्घाटन का इंतजार है. क्योंकि इसके चालू होने से दुमका का चहुमुखी विकास होगा. देखना होगा कि सरकार कब इस पुल का उद्घाटन कर जनता को समर्पित करती है.
रिपोर्ट. पंचम झा