दुमका: उपराजधानी दुमका में रविवार देर रात हुई फायरिंग की घटना ने जिले की कानून व्यवस्था और पुलिस की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं.होटल राधिका के सामने असामाजिक तत्वों द्वारा खुलेआम गोलीबारी की घटना ने यह साफ कर दिया है कि पुलिस और खुफिया तंत्र अपराधियों को रोक पाने में बुरी तरह नाकाम साबित हो रहे हैं.
आईजी–डीआईजी आवास के पास असामाजिक तत्वों की दनादन गोलियां
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जहां फायरिंग हुई, वह स्थान आईजी, डीआईजी आवास और पुलिस लाइन से कुछ ही दूरी पर है. इसके बावजूद अपराधियों ने बिना किसी डर के होटल को निशाना बनाया और फायरिंग कर फरार हो गए. पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी. यह सवाल अब शहरवासियों और सुरक्षा तंत्र दोनों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.
खुफिया तंत्र फेल, अपराधियों के हौसले बुलंद
सूचना मिलते ही सदर एसडीपीओ और मुफस्सिल थाना की पुलिस मौके पर जरूर पहुंची, लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुके थे. पुलिस ने तीन खोखा बरामद किया है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच का दावा कर रही है. लेकिन सवाल यह है कि अपराधियों के पास अवैध हथियार पहुंचे कैसे? वे शहर में खुलेआम घूम कैसे रहे हैं? और पुलिस को इसकी खबर क्यों नहीं?
शनिवार रात ग्राहक से हुई थी तकरार, रविवार शाम समझौता और देर रात कर दी फायरिंग
होटल संचालक प्रतुल मंडल ने बताया कि शनिवार रात एक ग्राहक से विवाद हुआ था. रविवार शाम दोनों पक्षों में समझौता भी हो गया था. इसके बावजूद देर रात 11:30 बजे होटल का शटर गिरने के बाद फायरिंग किया गया. संचालक ने गोली चलाने का आरोप किशोर, मुकेश, विक्रम और बाबुल पर लगाया है.
गोलीबारी का वीडियो वायरल
इस बीच घटना का एक 10 सेकंड का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें हाथ में पिस्टल लिए कुछ लोग नजर आ रहे हैं और फायरिंग की आवाज भी सुनाई देती है. हालांकि The News Post इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता.
सवाल कई, कौन देगा जवाब
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. फिलहाल पुलिस मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से परहेज कर रही है. फायरिंग में भले ही कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन घटना ने यह साबित कर दिया है कि दुमका में पुलिस की पकड़ कमजोर पड़ चुकी है और अपराधियों के हौसले आसमान छू रहे हैं. यदि पुलिस ने समय रहते सतर्कता नहीं बरती और खुफिया तंत्र को मजबूत नहीं किया, तो आने वाले समय में स्थिति और भी भयावह हो सकती है.
रिपोर्ट पंचम झा
