धनबाद(DHANBAD); धनबाद जिला परिषद के सदस्य मंगलवार को काफी उग्र दिखे. आंदोलन की धमकी दी, पूछा कि आखिर कैसे इलाके में जाए. जनता को क्या जवाब दें, जनता को हम लोगों पर भरोसा है और अगर हम उनके काम ही नहीं आये तो फिर हम जैसे प्रतिनिधियों का चुनाव जनता ने क्यों किया है. नाराजगी की वजह थी कि डीडीसी को किसी दूसरी बैठक में जाना था. इस वजह से वह जल्दी निकल गए. इसके बाद तो सदस्यों ने हंगामा कर दिया.
तीन महीने में कभी नहीं होती बैठक
उनका आरोप था कि हर 3 महीने पर बैठक होनी चाहिए लेकिन बैठक होती नहीं है. बोर्ड की बैठक के लिए पहले से तिथि निर्धारित होती है, समय का निर्धारण पहले किया जाता है. एजेंडा निर्धारित की जाती है. ऐसे में अगर जल्दी बाजी में बोर्ड की बैठक होगी तो न सदस्य अपनी बात रख पाएंगे और ना कोई निर्णय हो सकता है. सदस्यों का आरोप है कि उन्हें आज कहा गया कि सिर्फ पानी के एजेंडे पर अपनी बात रखे. इसके बाद तो सदस्य और उग्र हो गए. उनका कहना था कि उनके इलाके में सिर्फ पानी ही नहीं बल्कि अन्य कई समस्याएं है.
सदस्य किससे कहे अपनी पीड़ा
उन समस्याओं का निदान कब और कैसे होगा ,किसके पास अपनी फरियाद रखेंगे. सदस्यों ने कहा कि या तो वो सामूहिक रुप से जिला परिषद के सामने धरना देंगे अथवा सामूहिक शिकायती पत्र लेकर मुख्यमंत्री के पास जाएंगगे. उनका यह भी कहना था कि जानबूझकर जिला परिषद को नीचा दिखाने के लिए यह सब किया जा रहा है. जिला परिषद के सदस्य अपने- अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, इलाके के लोग लगातार समस्याएं लेकर उन तक पहुंचते है. समस्याओं के निदान की उम्मीद लगाए रहते है. जनता ने वोट कर उन्हें चुना है. और अगर वही लोग जनता के काम नहीं आएंगे तो फिर जनता से आंख कैसे मिला सकते है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो