धनबाद(DHANBAD):लोडिंग प्वाइंटों पर वर्चस्व के लिए दबंगई करने वाले अब पुलिस के फुल रडार पर हैं. माहौल खराब करने वाले 700 लोगों की सूची धनबाद पुलिस ने तैयार की है. आउटसोर्सिंग कंपनियां या कोयले की ढुलाई में भी मनमानी और रंगदारी करने वालों कि नहीं चलेगी. पिछले दिनों अलग-अलग जगह पर वर्चस्व को लेकर हुए खून खराबे के बाद पुलिस ने अपना एक्शन बदला है. इस तरह की तीन घटनाओं या उससे अधिक में शामिल लोगों के खिलाफ सीसीए लगाने का भी प्रस्ताव लाने की तैयारी में धनबाद पुलिस है. बुधवार को एसएसपी ने बीसीसीएल के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक का मुख्य मुद्दा था कि कोलियरी क्षेत्र में आए दिन होने वाले टकराव को कैसे रोका जाए. एसएसपी ने कहा कि किसी हाल में कोयला चोरी नहीं होने दिया जाएगा. पुलिस ने आपराधिक छवि वाले करीब 700 लोगों की सूची तैयार की है. इनमें से जिस किसी के खिलाफ तीन मामले दर्ज होंगे, उन पर सीसीए की कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी. आउटसोर्सिंग और ट्रांसपोर्टिंग में भी किसी की मनमानी नहीं चलेगी और लोडिंग प्वाइंटों पर हर हाल में विधि व्यवस्था कायम की जाएगी.
पुलिस ने बीसीसीएल और सीआईएसएफ के संयुक्त प्रयास से काम करने का निर्णय लिया
बीते दिनों अलग-अलग जगह पर वर्चस्व को लेकर हुए खून खराबे को पुलिस ने गंभीरता से लिया है. इस बैठक में कोलियरी में विधि व्यवस्था को लेकर उत्पन्न समस्याओं के बारे में चर्चा की गई .पुलिस बीसीसीएल और सीआईएसएफ के संयुक्त प्रयास से काम करने का निर्णय लिया. सभी महाप्रबंधकों को कहा गया कि वह अपने-अपने क्षेत्र के थाने की पुलिस के साथ समन्वय बनाकर समय पर सूचना दें. इस बैठक में एसएसपी के अलावे सीआईएसएफ के डीआईजी ,सिटी एसपी, ग्रामीण एसपी के अलावा बीसीसीएल के डायरेक्टर टेक्निकल व बीसीसीएल के सभी 12 क्षेत्र के महाप्रबंधक और सभी डीएसपी उपस्थित थे.
सफेदपोश अपनी दबंगई कायम कर रंगदारी वसूली के लिए यह सब कराते हैं
इतना तो तय है कि इस बैठक में लिए गए निर्णय पर अगर काम शुरू हुआ तो कोलियरी क्षेत्र में रंगदारी करने वाले लोग कानून के शिकंजे में होंगे और मजदूरों की आड़ में दबंगई करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी .कोयल के अवैध खनन, ट्रांसपोर्टिंग से कोयलांचल के सफेदपोश इतने अधिक पैसा कमा लिए हैं कि वह अब किसी से डरते नहीं है. पिछले दिनों एस एसपी ने कहा था कि कोल डंप पर हंगामा करने वाले को जब पुलिस ने पकड़ा तो उन्होंने बताया कि उन्हें न कोयला से मतलब है ना कोयला खदान से. उन्हें तो 5 हजार देकर बुलाया गया था कि वह हंगामा करें, पत्थर फेंके. इसका मतलब साफ है कि लोडिंग प्वाइंटों पर, आउटसोर्सिंग कंपनियों में हंगामा करने वाले मजदूर नहीं होते बल्कि सफेदपोश अपनी दबंगई कायम कर रंगदारी वसूली के लिए यह सब कराते हैं लेकिन अब पुलिस पूरी तरह से एक्शन मोड में है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो