रांची(RANCHI): झारखंड प्रतियोगिता परीक्षा 2023 के बिल सदन से पास होने के बाद राजनीति सरगर्मी तेज है. एक ओर भाजपा इस बिल को काला कानून बता रही है तो दूसरी ओर झामुमो इसे राज्य हित में बता रही है. भाजपा के आरोप पर झामुमो ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में पेपर लीक कराने का पैसा बाबूलाल से लेकर भाजपा के बड़े नेता तक पहुंचता है. यही कारण है कि इस बिल का विरोध भाजपा के लोग कर रहे है.
भाजपा के लोगों के पेट में हो रहा दर्द
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि तीन तारीख को झारखंड विधानसभा में ऐतिहासिक निर्णय हुआ और एक प्रस्ताव पास किया गया. जिससे राज्य में कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए विधेयक पास कर राज्यपाल के पास भेजा गया. सरकार की मंशा है कि राज्य की JSSC, JPSCऔर अन्य संस्थानों के द्वारा परीक्षा बेहतर तरीके से हो सके. लेकिन भाजपा को यह पच नहीं पा रहा है. इसे भी राजनीतिक मुद्दा बना कर पेश कर रहे हैं.
पेपर लीक का पैसा बाबूलाल से लेकर कई भाजपा के बड़े नेताओं तक पहुंचता है
पेपर लीक होने के वजह से कई छात्र आत्महत्या कर लेते हैं. छात्र मेहनत कर परीक्षा की तैयारी करते हैं. लेकिन कुछ लोग पैसों के खातिर उसे लीक करने का काम करते है. ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस विधेयक के पास होने के बाद भाजपा के लोगों के पेट में दर्द होने लगा. यही कारण है कि अहले सुबह राज्यपाल के पास पहुंच कर शिकायत करने लगे. भाजपा के लोग को डर सता रहा है कि अगर पेपर लीक का कानून बन गया तो उनकी दुकान बंद हो जाएगी. पेपर लीक का पैसा बाबूलाल से लेकर कई भाजपा के बडे नेताओं तक पहुंचता है.
भाजपा का मुख्य व्यवसाय पेपर लीक करना
बाबूलाल से स्पष्ठ पूछा कि क्या गुजरात में पेपर लीक का ऐसा ही कानून पास किया गया,10 साल सज़ा के साथ एक करोड़ का जुर्माना लगाने का बिल पास हुआ. क्या इस बात की उन्हें जानकारी नहीं है.अगर झारखंड में पास विधेयक का विरोध कर रहे है तो गुजरात और अन्य राज्यों का क्यों नहीं. राज्य में पास पेपर लीक के कानून का विरोध इस लिए कर रहे है कि क्योंकि उनका मुख्य व्यवसाय पेपर लीक करना है. भाजपा की सरकार में राज्य में JPSC का पेपर लीक किया गया. बार बार राजभवन को आगे कर काम करने से बचने की जरूरत है.
भ्रष्टाचार तो भाजपा का शिष्टाचार
भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है,लेकिन आज तक एक विधायक दल का नेता नहीं खोज पाई. विधायक दल के नेता के लिए दो पंडित दिल्ली से आये लेकिन उनसे भी कुछ नहीं हो सका.यहां राहु केतु का सक्रिय है.जो पार्टी राहु केतु के वजह से विधायक दल का नेता नहीं बना सके वह पेपर लीक का विरोध कर रहे है. भर्ष्टाचार तो भाजपा का शिष्टाचार है.
रिपोर्ट: समीर