धनबाद(DHANBAD): देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया के लगभग सवा दो लाख कर्मचारियों की निगाहें दिल्ली पर टिक गई है. आज ही दिल्ली में मानकीकरण समिति की बैठक होने वाली है. इस बैठक में फाइनल हो जाएगा कि कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी कंपनियों के कर्मचारियों को कितना बोनस मिलेगा. चर्चा तो है कि इस वर्ष कोल इंडिया के मुनाफे को देखते हुए बोनस की रकम एक लाख या उससे अधिक पहुंच सकती है. यह निर्भर करेगा चार मजदूर संगठनों के बारगेनिंग पावर पर.
देर शाम या रात तक होगी घोषणा
आज देर शाम या रात तक रकम की घोषणा हो सकती है. आज मजदूर संगठनों की भी परीक्षा होगी, क्योंकि प्रबंधन कम बोनस देना चाहेगा और मजदूर संगठन प्रयास करेंगे कि इस साल अधिक से अधिक बोनस की घोषणा हो. पिछले साल कोयलाकर्मियों को 85000 बोनस मिला था. कोल इंडिया के कर्मियों की बोनस की प्रतीक्षा सिर्फ कोयलाकर्मी ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि बाजार भी कर रहा है तो बैंक भी प्रतीक्षा में बैठे है. आज बोनस की घोषणा होने के बाद अगले महीने झारखंड के बैंकों में धन वर्षा होगी. यह बताने की जरूरत नहीं है कि देश में सबसे अधिक कोयलाकर्मी झारखंड में है. झारखंड में बीसीसीएल, सीसीएल, सीएमपीडीआईएल के अलावा ईसीएल के तीन एरिया राजमहल, चितरा और मुगला झारखंड में है. एक अनुमान के अनुसार झारखंड में कोयलाकर्मियों की संख्या 70,000 के आसपास है.
हर साल बढ़ती रही है बोनस की रकम
पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड देखे तो हर साल बोनस की राशि बढ़ती रही है. इस साल भी बढ़ेगी, यह तय माना जा रहा है. यह भी कहा जा रहा है कि ठेका मजदूरों के लिए भी कुछ ना कुछ घोषणा हो सकती है. कोयलांचल की बात की जाए तो घर हो या बाजार, बैंक हो या वाहन बाजार, सब बोनस की प्रतीक्षा कर रहे है. बोनस की आस में गाड़ियों की भी बुकिंग हुई है. ऐसे में बोनस की राशि पर बाजार निर्भर करेगा. साथ ही चार श्रमिक संगठनों की अग्नि परीक्षा भी होगी. यह अलग बात है कि कोयला श्रमिक संगठनों के साथ पहले वाली बात नहीं रह गई है. कोयला मजदूर संगठन अब पहले से कमजोर हुए है. ऐसे में प्रबंधन से बारगेनिंग करना उनके लिए भी बड़ी चुनौती हो सकती है.
अब तक कोयलाकर्मियों को मिले बोनस पर एक नजर ---
2023 -85 ,000
2022 -76 ,500
2021- 72,500
2020- 68,500
2019- 67,700
2018 -60,700
2017- 57,000
2016 -54,00
2015- 48,500
2014 -40,000
2013 -31,500
2012 -26,000
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो