टीएनपी डेस्क: दादाजी बच्चों से यह बोलकर निकले थे कि तुरंत सभी के लिए पिचकारी और रंग-अबीर लेकर आते हैं. इस खुशी में बच्चे भी घर के दरवाजे पर अपनी पिचकारी आने का इंतजार कर रहे थे. मगर पिचकारी और रंग- अबीर की जगह बच्चों को उनके दादा की मौत की खबर मिली. इसके बाद घर में कोहराम मच गया. परिवार की होली की सारी खुशियां मातम में बदल गई.आपको बता दें कि यह दिल दहला देनेवाली घटना रामगढ़ जिले के छतरमांडू गांव की है. यहां शुक्रवार की सुबह सड़क दुर्घटना में एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई.
बच्चों के लिए पिचकारी और रंग खरीदने निकले थे, वाहन ने रौंदा, गई जान
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की सुबह करीब नौ बजे छतरमांडू निवासी लाल मोहन सिंह उर्फ गिदी सिंह उम्र करीब 60 वर्ष बच्चों के लिए रंग-अबीर और पिचकारी खरीदने निकले थे. बाजार से वे पैदल अपने घर जा रहे थे. इस बीच अज्ञात वाहन ने उनको धक्का मार दिया. इससे वे सड़क पर गिर गए. इसके बाद वाहन उनको कुचलते हुए भाग गया. घटना के बाद लोगों की भीड़ जुट गई. वहीं, लोगों ने मुआवजा की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया. सूचना पर पुलिस प्रशासन पहुंच कर लोगों को मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया. लोगों का कहना था कि मृतक लाल मोहन सिंह रामगढ़ में निजी वाहन चलते थे. प्रशासनिक आश्वासन मिलने के बाद सड़क जाम हटा दिया गया. इसके बाद पुलिस ने यातायात को सामान्य कराया. वहीं पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के लिए सदर अस्पताल ले गई.