साहिबगंज (SAHIBGANJ): साहिबगंज में आज तीसरी दिन भी सीबीआई की कार्रवाई जारी है. सीबीआई की टीम भवानी चौकी पर पहुंचकर करीब आधा दर्जन ग्रामीणों से पूछताछ कर रही है. ये पूछताछ जिले में 1000 करोड़ के अवैध खनन मामले को लेकर की जा रही है. सीबीआई ने अपने तीसरे दिन भी जांच पड़ताल जारी रखा है.
आपको बता दे कि आज सबसे पहले सीबीआई की टीम ईडी के गवाह विजय हांसदा के गांव भवानी चौकी पहुंची. जहां ग्रामीणों से कई जानकारी हासिल की गई. इसके पहले सीबीआई ने नींबू पहाड़ में हुए अवैध खनन को लेकर दो बड़े अवैध पत्थर खदानों की जांच की थी. सीबीआई की टीम जांच का दायरा बढ़ाते हुए आगे बढ़ रही है. अभी तक जांच में सीबीआई ने विजय हांसदा को ईडी के गवाह से मुकरने और वकील से मिलवाने और टिकट कटवाने पर साहिबगंज एसपी को संलिप्त पाया है. एसपी को भी ईडी ने समन भेजा था, लेकिन एक बार हाजिर होने के बाद दोबारा नहीं गए.
बता दें कि सीबीआई की टीम पांचवी बार सोमवार की रात साहिबगंज पहुंची. मंगलवार को सीबीआई की टीम दाहू यादव के आवास पर पहुंची थी. वहाँ उन्होंने करीब 40 मिनट तक दाहू यादव के पिता पशुपति यादव से पूछताछ की. फिर बुधवार को नींबू पहाड़ पर पहुंचकर छानबीन की. वहीं आज सीबीआई की टीम ईडी के गवाह विजय हांसदा के गांव भवानी चौकी पहुंची है.
विजय हांसदा ने कराई थी शिकायत दर्ज
बता दें कि नीबूं पहाड़ में अवैध खनन की शिकायत विजय हांसदा ने की थी. पहाड़ में विस्फोट के कारण आस पास के ग्रामीणों के घरों में दरार आ रहा था, जिस कारण विजय हांसदा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने अवैध खनन पर रोक लगाने के लगाने का फैसला किया था और 2 मई को सभी ग्रामीण विस्फोट वाले स्थल पर पहुंच कर रोक लगाने की बात कही. लेकिन वहां मौजूद अवैध खनन कर्ताओं के द्वारा उन्हें तुरंत वहां से भागने को कहा गया. जिसके बाद विजय हांसदा ने इस मामले में 30 जून 2022 को शिकायत दर्ज कराई गई. जिसमें पंकज मिश्रा, विष्णु यादव, पवित्र यादव, संजय यादव और सुभाष मंडल को मुख्य अभियुक्त बनाया गया. लेकिन शिकायत दर्ज कराने के बाद विजय हांसदा पर बोरिया थाने में एक मुकदमा दर्ज किया गया. जहां उनके उपर अवैध रूप से हथियार रखने का आरोप लगाया गया. जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. हालांकि इसके बाद हांसदा ने जेल से ही हाईकोर्ट को एक रिट याचिका दायर किया जिसमें उनका कहा था कि पुलिस जांच पर उन्हें संदेह है, स्वतंत्र जांच एजेंसी से अवैध खनन की जांच कराई जानी चाहिए. इसके बाद ईडी ने अवैध खनन की जांच शुरू करते हुए पंकज मिश्रा समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था.
सीबीआई जांच रोकने के लिए विजय ने हाईकोर्ट में लगाई थी गुहार
लेकिन इसी बीच विजय हांसदा ने हाईकोर्ट से इस मामले को खत्म करने की गुहार लगाई. उन्होंने हाईकोर्ट से कहा कि अवैध खनन की शिकायत उन्होंने दर्ज ही नहीं की थी. किसी ने जेल में रहते हुए उनके नाम पर यह शिकायत दर्ज करावा दिया था. लेकिन कोर्ट को इस तर्क पर दम नजर नहीं आया. और कोर्ट ने सीबीआई को एक माह के अंदर अवैध खनन मामले की प्रारम्भिक जांच करने का आदेश सौंप दिया था. अब देखना होगा कि इस जांच में किस पर गाज गिरती है.