धनबाद (DHANBAD) : भारत कोकिंग कोल लिमिटेड को पौधरोपण के लिए धनबाद में जमीन नहीं मिल रही है. इसलिए कंपनी लक्ष्य हासिल करने के लिए दूसरे जिलों का रुख कर रही है. धनबाद देश के प्रदूषित शहरों में शुमार है लेकिन धनबाद के हिस्से का वृक्षारोपण हो रहा है दूसरे जिले में. झारखंड के गढ़वा जिले किस सूख रही बांकी नदी को फिर से जीवंत करने में कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड मदद करेगी. नदी के आसपास जल ग्रहण क्षेत्र को बढ़ाने, वृक्ष लगाने की योजना तैयार की जा रही है.
नहीं मिल रही है जमीन
धनबाद में पौधरोपण के लिए बीसीसीएल को वन विभाग की ओर से जरूरी जमीन नहीं मिल रही है. इसलिए बीसीसीएल अन्य जिलों में पौधरोपण कर लक्ष्य हासिल करेगी. सूत्रों के अनुसार गढ़वा की बांकी नदी को लेकर योजना तैयार की जा रही है. वहां के डिस्टिक फॉरेस्ट ऑफिसर और डिस्टिक एडमिनिस्ट्रेशन से बात कर योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा. बांकी नदी गढ़वा शहर की लाइफ लाइन है. कम पानी के कारण नदी का अस्तित्व खतरे में है. दो दशक पहले नदी की चौड़ाई लगभग 20 मीटर थी लेकिन अब 4 से 5 मीटर रह गई है. किनारे बसे गांव व शहर में जशपुरनगर, गम्हरिया, बांकी टोली आदि प्रमुख है.
कंपनी के पास मौजूद है फण्ड
पौधरोपण एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के पास जो कोष हैं. उसका उपयोग कर बांकी नदी को जीवंत करने की तैयारी चल रही है. चालू वित्तीय वर्ष में बीसीसीएल को 100 हेक्टेयर जमीन पर पौधरोपण करना था लेकिन लगभग 60 हेक्टेयर जमीन पर ही वृक्षारोपण हो सका. बीसीसीएल धनबाद के 60 हेक्टेयर जमीन मांगी थी लेकिन जमीन नहीं मिल पाई. इधर, कोयला मंत्रालय ने कोल कंपनियों को एक वित्तीय वर्ष में मिनिमम एक सौ हेक्टेयर जमीन में वृक्षारोपण करने का लक्ष्य दिया था. यानी खतरनाक प्रदूषण झेल रहा कोयलांचल को पौधरोपण के लिए जमीन नहीं मिल रही है. कंपनी अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए दूसरे जिलों की ओर रुख कर रही है. यह गंभीर चिंता का विषय हो सकता है.
रिपोर्ट : सत्यभूषण सिंह, धनबाद