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धनबाद में साइबर अपराधियों की सक्रियता के बीच उठा बड़ा सवाल, आखिर पूरी जानकारी और डॉक्यूमेंट उन तक पहुंच कैसे जाती?

धनबाद में साइबर अपराधियों की सक्रियता के बीच उठा बड़ा सवाल, आखिर पूरी जानकारी और डॉक्यूमेंट उन तक पहुंच कैसे जाती?

धनबाद (DHANBAD): साइबर अपराधियों की गतिविधियां एक बार फिर सुर्खियां बटोर रही है. लेकिन इससे बड़ा यह सवाल है कि आखिर साइबर अपराधियों तक पूरी जानकारी पहुंच कैसे जा रही है? धनबाद में रिटायर्ड एक रेल कर्मचारी के खाते से मंगलवार को साइबर अपराधियों ने 22 लाख रुपए से अधिक की निकासी  कर ली. दरअसल, धनबाद रेल मंडल के ऑपरेटिंग विभाग से 31 अक्टूबर को रिटायर हुए कर्मचारी के खाते से मंगलवार को राशि उड़ा ली गई. 

बैंक पहुंचे तो पता चला उनके साथ ठगी हो गई है 

जब उन्हें लगा कि उनके साथ धोखा हुआ है, तो भागे -भागे बैंक पहुंचे. बैंक अधिकारियों ने उन्हें बताया कि एक घंटे पहले ही उनके खाते से राशि की निकासी कर ली गई है. बैंक अधिकारी ने एक ट्रांजैक्शन को होल्ड कर दिया ,जबकि कई ट्रांजैक्शन हो चुके थे. उसके बाद वह साइबर थाना पहुंचे और लिखित शिकायत की. साइबर पुलिस के अनुसार रेलवे कर्मचारी और अधिकारियों के साथ इस तरह की घटना पहले भी हो चुकी है. 

साइबर अपराधियों के पास सटीक जानकारी थी

साइबर अपराधियों के पास सटीक जानकारी थी. पीड़ित रिटायर्ड रेल कर्मचारी के अनुसार रिटायरमेंट के बाद 2 नवंबर को उनके खाते में राशि आई थी. रिटायरमेंट से पहले ही पेंशन के लिए पति-पत्नी का फोटो के अलावा सारी जानकारी रेलवे के कार्मिक विभाग को दे दी थी. मंगलवार के पूर्वाह्न में साइबर अपराधी ने पूरी जानकारी बताते हुए सत्यापन करने के लिए कह फोन किया. उसके बाद वह अपने को धनबाद रेल मंडल का सहायक कार्मिक अधिकारी बताकर बात करने लगा. उसने अपनी बातों में उन्हें फंसा लिया और कहा कि तुम्हारा पीपीओ नंबर जारी करना है .

रेलवे में जमा डाक्यूमेंट्स मोबाइल पर भेजा 

झांसा में लेने के लिए पहले से दिया गया उनका और उनकी पत्नी का हस्ताक्षर युद्ध फोटो उनके व्हाट्सएप पर भेजा. कहा कि इसे मिलान कर लो. उन्हें रेलवे द्वारा जारी नंबर भी देकर कन्फर्म कराया. फिर उन्हें लगा कि निश्चित रूप से रेल अधिकारी ही बात कर रहे हैं. फिर फोन काट दिया. कुछ समय के बाद तीन बार कॉल किया. अंतिम कॉल दोपहर 12:00 बजे के आसपास किया. उस दौरान उन्हे  कहा कि फोन मत काटना. अपने आसपास के एटीएम में चले जाओ, फिर वह एटीएम चले गए. लेकिन इस दौरान वह लगातार फोन पर बात कर रहा था और उसने तीन ओटीपी भेजा. 

साइबर अपराधी ने 22 लाख ₹15000 ट्रांसफर करा लिए थे 

वह जैसे-जैसे एटीएम में करने के लिए कहता , करते गए. एटीएम से वापस आने के बाद उन्हें शक हुआ कि उनके साथ कुछ धोखा हो गया है.तुरंत बैंक गए ,वहां जाकर अपने पूरी राशि को दूसरे बैंक अकाउंट में जमा करवाना चाह रहे थे .जब बैंक  अधिकारी ने खाता की जांच की तो पता चला कि एक घंटा पहले ही उनके खाता से कई बैंक अकाउंट में 22 लाख ₹15000 ट्रांसफर हो चुके हैं. इस दौरान बैंक अधिकारी ने एक खाता में ट्रांसफर हुआ रुपया होल्ड कर दिया. 

साइबर थाना में पीड़ित ने की है शिकायत 

फिर वह साइबर थाना गए और मामले की लिखित शिकायत की. सवाल उठता है की पेंशन के लिए जब उन्होंने अपना और अपनी पत्नी का फोटो रेलवे में जमा कराया था, तो यह फोटो साइबर अपराधियों के पास कैसे पहुंच गया. यह एक बड़ा सवाल है. किसी बड़ी जांच से ही इस पर से पर्दा हट सकता है

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो 

Published at:05 Nov 2025 07:06 AM (IST)
Tags:DhanbadCyber CriminalsRail karmiAmountBank
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