गोड्डा (GODDA) : झारखण्ड के महागठबंधन सरकार में नहीं लग रहा "ALL IS WELL". महागठबंधन सरकार में झामुमो की अगुवाई वाली सरकार में कांग्रेस और राजद के साथ-साथ वामपंथी दलों की सहभागिता है. मगर झामुमो में अंदरूनी कलह अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है. साहेबगंज के बोरियो विधानसभा क्षेत्र के झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम पिछले कुछ दिनों से लगातार हेमंत सोरेन और राज्य सरकार पर हमलावर नजर आ रहे हैं. चाहे वो 1932 खतियान का मुद्दा हो या फिर ECL के राजमहल कोल माइंस का मामला हो. लोबिन हमेशा से मुखर होकर राज्य सरकार और खासकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की खिलाफत करते नजर आये.
कोल माइंस से जुड़ा है नया मुद्दा
ताजा विरोध उस वक्त नजर आया जब तीन दिनों पूर्व कोयला मंत्रालय द्वारा ECL के राजमहल माइंस के लोगों के हित में CSR के तहत 300 बेड वाली अस्पताल पर राज्य सरकार के साथ MOU किया गया. कोयला मंत्री प्रहलद जोशी ने MOU पर हस्ताक्षर किया था. साथ ही हेमंत सोरेन ने इस अस्पताल को बनाने के लिए महागामा विधानसभा क्षेत्र के महुआरा में 25 एकड जमीन भी देने की बात कही. यहीं से नया विवाद शुरू हो गया. महागामा विधानसभा से कांग्रेस की विधायक दीपिका पाण्डेय सिंह हैं.
MOU के खिलाफ विरोध मार्च
इस अस्पातल के MOU के विरोध में लोबिन हेम्ब्रम द्वारा अपने समर्थकों के साथ एक विरोध मार्च ललमटिया खदान क्षेत्र में निकाला और एक जनसभा करके मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ राजमहल के झामुमो सांसद विजय हांसदा को आड़े हाथों लेते हुए जमकर खरी खोटी सुनाई .उन्होंने साफ़ शब्दों में कह दिया कि जमीन जाय खदान क्षेत्र के लोगों का और प्रदूषण सहें यहां के लोग ,विस्थापित हों यहां के लोग और स्वास्थ्य लाभ महागामा विधानसभा के लोग ये होने नहीं देंगे. उन्होंने 27 फरवरी से शुरू होने वाली विधानसभा सत्र में भी सरकार को घेरने की बात कही.
रिपोर्ट : अजीत कुमार सिंह, गोड्डा