दुमका (DUMKA): किसी ने सच ही कहा है "अगर किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात आपको उससे मिलाने में लग जाती है". इसकी एक बानगी देखने को मिली दुमका में. 4 महीनों से पीडीएस से राशन नहीं मिलने से नाराज लाभुकों ने सोमवार को महिला डीलर को चप्पल का माला पहनाकर 6 किलोमीटर तक पैदल घुमाया और दुमका पाकुड़ मुख्य मार्ग को दुर्गापुर के पास जाम किया था. तब लाभुकों को राशन उपलब्ध कराने के लिए प्रसासनिक अमला रेस हो गया. उग्र लाभुकों ने जो किया उसे उचित तो नहीं कहा जा सकता क्योंकि लाभुक को अपनी बातें उचित प्लेटफॉर्म पर रखनी चाहिए थी. सवाल यह भी उठता है कि ऐसी नौबत क्यों आयी?
BDO और थाना प्रभारी की देख-रेख में लाभुकों के बीच बाटा गया राशन
खैर, इस सबके बीच हम बात कर रहे थे कि जिसे शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उसे मिलाने में लग जाती है. गोपीकांदर प्रखंड के मधुबन सहित 4 गांव के लाभुकों की चाहत थी कि उन्हें जन वितरण प्रणाली की दुकान से ना केवल बकाया राशन बल्कि निर्धारित समय पर हर महीने राशन मिले. डीलर को चप्पल की माला पहनाने के बाद लाभुकों को राशन मुहैया कराने के लिए पूरा प्रसासनिक अमला रेस हो गया. मंगलवार को गोपीकांदर बीडीओ गौतम मोदी और थाना प्रभारी रंजीत मंडल मधुबन गांव पहुच कर राशन का वितरण कार्य शुरू करवाया. बीडीओ ने बताया कि लाभुकों के बीच चावल का वितरण कार्य शुरु कर दिया गया है. मधुबन डीलर सुमरी महारानी के तहत चार गांव आता है. लाभुकों के पास जितना पर्ची है, उस सभी के हिसाब से चावल का वितरण किया जा रहा है.
उग्र लाभुकों ने महिला डीलर को पहनाया था चप्पल का माला
ज्ञात हो कि ओडमो पंचायत की मधुबन गांव की डीलर सुमरी महारानी पर लाभुकों ने पिछले चार महीने से राशन नहीं देने का आरोप लगाकर चप्पल का माला पहनाकर गांव में घुमाया था, जिसके बाद लाभुकों ने दुमका-पाकुड़ मार्ग को दुर्गापुर में जाम कर दिया. बीडीओ ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर और राशन दिलवाने का आश्वासन लेकर डीलर को मुक्त करवाया. बीडीओ ने अपने प्रारंभिक जांच में पाया था कि डीलर के द्वारा मई माह का 60 प्रतिशत अनाज लाभुकों को बांटा गया था पर जून माह में केवल 7 प्रतिशत अनाज का ही वितरण किया गया था.
डीलर एसोसिएशन ने की घटना की निंदा
महिला डीलर को चप्पल की माला पहना कर घुमाने की घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया है. भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष नकुल साह ने सुमरी महारानी से मुलाकात की. उन्होंने मामले की जानकारी ली. कहा कि सुमरी महारानी एक आदिम जनजाति की महिला के साथ विधवा महिला भी है. उसके साथ इस तरह के बर्ताव को उचित नहीं ठहराया जा सकता. इधर डीलर एसोसिएशन गोपीकांदर के अध्यक्ष संजय प्रसाद भगत ने कहा है कि सुमरी के साथ जो घटना हुई है काफी निंदनीय है. लाभुकों को मामले की शिकायत पदाधिकारी के पास करना चाहिए न कि उसे चप्पल का माला पहनाया जाए. उन्होंने सरकार से पीडीएस डीलरों को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है.
प्रसासनिक स्तर पर भी गभीरता दिखाने की है जरूरत
दुमका जिला में आए दिन लाभुकों द्वारा पीडीएस विक्रेता पर राशन देने में मनमानी को आरोप लगता है. लाभुक समाहरणालय पहुच कर डीसी को ज्ञापन सौप कर मामले की जानकारी देते है. कुछ मामलों में कार्यवाई भी होती है तो कई मामलों की लीपापोती हो जाती है. ओडमो पंचायत के लाभुकों ने जब उग्र कदम उठाया तो महीनों से बंद राशन घंटों में मिल गया. प्रसासनिक स्तर पर यह प्रयास होनी चाहिए कि लाभुकों को ऐसा कदम उठाने पर बाध्य ना होना पड़े. इसके लिए जन वितरण प्रणाली व्यवस्था में सुधार की जरूरत है. अन्यथा राशन से वंचित लाभुकों के लिए ओडमो के लाभुकों ने रास्ता तो दिखा ही दिया है.
रिपोर्ट. पंचम झा