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धनबाद में एक विराम के बाद "जन मुद्दों की राजनीति" फिर शुरू हुई,क्यों दूसरे विधायक -सांसद पर बढ़ेगा दबाव !!

धनबाद में एक विराम के बाद "जन मुद्दों की राजनीति" फिर शुरू हुई,क्यों दूसरे विधायक -सांसद पर बढ़ेगा दबाव !!

धनबाद (DHANBAD) : धनबाद में एक विराम के बाद जन मुद्दों की राजनीति शुरू हुई है.  केंद्र में धनबाद नगर निगम है, लेकिन इस राजनीति की गूंज दूर तक जाएगी.  धनबाद के "पेपर टाइगर" बने जनप्रतिनिधियों के कानों तक गूंजेगी.  उन पर भी जनमुद्दों  के लिए लड़ाई लड़ने का दबाव बढ़ेगा, वैसे भी धनबाद में अब जनमुद्दों  को लेकर राजनीति बहुत कम होती है.  राजनीतिक दल के लोग या विधायक गण विधानसभा में प्रश्न कर अपनी जिम्मेवारी  की इति श्री  समझ लेते है.  यह अलग बात है कि विधानसभा में पूछे गए प्रश्न और सरकार के जवाब का प्रचार- प्रसार खूब किया जाता  है. 

कोयलांचल के मुद्दे पीछे छूट जाते है और नेता आगे निकल जाते है 
 
चुनाव जीतने के बाद नेता जनता से धीरे-धीरे कटते  चले जाते है.  नतीजा होता है कि जिन मुद्दों पर वह चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचते  हैं, वह मुद्दे पीछे छूट जाते है.  धनबाद में एक बार फिर जनमुद्दों  की राजनीति शुरू करने का श्रेय विधायक राज सिन्हा  को गया है.  लेकिन इसके साथ ही धनबाद के पांच अन्य विधायक और एक सांसद पर भी दबाव बढ़ गया है, कि वह जनमुद्दों  पर जनता की आवाज में प्रखरता लाये. 

झारखंड बनने के बाद भी कोयलांचल की हक़ मारी हुई 
 
कोयलांचल  के बारे में कहा यही जाता है कि झारखंड बनने के बाद भी इसकी हक मारी  हुई है.  परेशानियां बढ़ी  है ,जन सुविधाओं पर  कैंची चली है.  धनबाद को एयरपोर्ट नहीं मिला, धनबाद को एम्स नहीं मिला, धनबाद से नई दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन नहीं मिली, कोयला के अकूत भंडार के बावजूद कोयला आधारित उद्योग नहीं लगे.   ऐसी बात नहीं है कि जो आज विपक्ष में है, वह झारखंड में कभी सत्ता में नहीं रहे.  लेकिन उसके बाद भी धनबाद के खाते में जो सुविधा आनी चाहिए थी, नहीं आई.  इधर, विधायक राज सिन्हा  जर्जर सड़कों की मरम्मत की मांग  को लेकर सोमवार से नगर निगम कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए है. 

विधायक के धरने का मंगलवार को दूसरा दिन है 
 
धरने का मंगलवार को दूसरा दिन है.  उन्होंने चेतावनी दी है कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो वह निगम कार्यालय की चौखट पर धरना देंगे.  इसके बाद भी अगर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो नगर आयुक्त के चेंबर के बाहर आमरण अनशन करेंगे.  राज सिन्हा  की  डिमांड है कि पिछले 6 वर्षों से शहर की कई सड़कों के  निर्माण की मांग वह  लगातार कर रहे है.  सड़क से लेकर सदन तक मामले को उठा चुके हैं, बावजूद कोई एक्शन नहीं लिया गया है.  एसीबी जांच का बहाना बनाकर  सड़क की मरम्मत नहीं की जा रही है.  सोमवार की शाम को नगर निगम के उपनगर आयुक्त विधायक राज सिन्हा  से धरना खत्म करने की अपील की.  वह  धरना स्थल पर भी पहुंचे, लेकिन विधायक का स्पष्ट कहना है कि जब तक कोई ठोस निर्णय नहीं होगा, वह धरना जारी रखेंगे.

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो

Published at:02 Dec 2025 06:51 AM (IST)
Tags:DhanbadJharkhandKoyalanchalRajnityJanmudde
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