रांची(RANCHI): झारखंड पुलिस के नाक में दम करने वाला गैंगस्टर अमन साहू जेल में बंद है.आज पलामू सेंट्रल जेल से उसे कड़ी सुरक्षा के बीच गिरीडीह जेल शिफ्ट कर दिया गया. एक दिन पहले ही अमन साहू से जुड़े ठिकानों पर NIA ने छापेमारी की है. इस रेड के बाद ही अमन को दूसरे जेल शिफ्ट किया गया है. गिरिडीह जेल शिफ्ट होते ही अमन फिर से सुर्खियों में आ गया है.दो साल पहले जब अमन गिरिडीह जेल में बंद था तब उसने जेलर को ही मारने की सुपारी अपने गुर्गों को दे दिया था.
अमन साहू जेल में रहने के बावजूद अपने अपराध के नेटवर्क को चला रहा है. जब 2022 में गिरिडीह जेल में अमन बंद था तो उसने जेलर प्रमोद कुमार को मारने के लिए जेल में ही बंद दो बदमाशों को सुपारी दी थी. अमन ने पहले दोनों बदमाशों के बाहर जाने के लिए बेल का इंतजाम कराया. जैसे ही बेल मिली रणनीति के तहत दोनों युवकों ने जेलर पर गोली चला दी थी. हालांकि इस वारदात में वह बाल बाल बच गए थे. अब फिर से अमन गिरिडीह के जेल में शिफ्ट किया गया है. पलामू से गिरिडीह शिफ्ट करने के पीछे सुरक्षा का हवाला दिया गया है.
पलामू सेंट्रल जेल में रहते हुए अमन के इशारे पर गैंग के गुर्गों ने जमकर बवाल मचाया है. कई कंपनी पर गोलीबारी की गई. कारोबारियों से रंगदारी वसूली गई. जब पलामू में अमन का आतंक बढ़ रहा था इसके खिलाफ थाना में मामला दर्ज हुए तो पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू. इस पूछताछ में पलामू पुलिस को अमन ने बताया था कि वह शौक से अपराध की दुनिया में आया है. वह एक बड़ा डॉन बनना चाहता है. देश में सबसे अधिक केस इसपर हो यह चाहता है. जिससे देश और विदेश के लोग इसको जाने.
अमन का गैंग अब काफी बड़ा हो चुका है.अपने अपराध के साम्राज्य को बढ़ाने में लगा हुआ है. बीच में इस गैंग का लिंक लॉरेंस से भी जुड़ा था. इसके अलावा कई ऐसे संगठन से भी साठ गाठ होने की बात सामने आ चुकी है जिससे मिलकर वारदात को अंजाम दिया करता है.यही कारण है कि इसके नेटवर्क को ध्वस्त करने की कमान अब NIA ने भी थाम लिया है.
10 साल से मचा रहा आतंक
दरअसल अमन साहू गैंग पिछले 10 सालों से झारखंड के कोयला कारोबारियों के नाक में दम कर रखा है. डॉन अमन साहू ने 17 साल के उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा. किसी को नहीं मालूम था कि एक छोटे से गांव का पढ़ने वाला लड़का एक दिन झारखंड का बड़ा गैंगस्टर बन जाएगा. आज अमन साहू अपराध की दुनिया का एक बड़ा नाम बन गया है.अमन साहू गैंग झारखंड के पलामू,चतरा, लातेहार, रांची, रामगढ़, बोकारो, गिरिडीह, धनबाद सहित कई जिलों के कारोबारी और ठेकेदारों के नाक में दम कर रखा है.अमन साहू के नाम पर कोयला कारोबारी समेत अन्य करोबार से जुड़े लोगों से रंगदारी की मांग फोन पर की जाती है, और फिर पैसे नहीं देने पर खुलेआम गोली मार दी जाती है.
कैसे बना अमन गैंगस्टर
अमन साहू के गैंगस्टर बनने के शुरुआत में लेकर चलते हैं.अमन के गांव के लोग बताते है कि अमन एक सीधा साधा लड़का था कभी किसी से झगड़ा लड़ाई नहीं करता था लेकिन मैट्रिक में जब वह पढ़ता था तब किसी केस में पहली बार जेल गया. जेल में करीब 10 महीने रहने के बाद उसने आगे की पढ़ाई को पूरा की. अच्छे नम्बर से इंटर करने के बाद डिप्लोमा किया. इस दौरान उसने एक मोबाइल दुकान खोला. इसके बाद उसकी मुलाकात कई अपराधियों से हुई. जिसके बाद से उसका कुनबा बढ़ने लगा. इसके बाद उसने हत्या की वारदात को अंजाम देना शुरू किया. धीरे धीरे इसका आतंक पूरे झारखंड में फैला और यह अपने साथ पढ़े लिखे हाई टेक युवाओं को पैसे का लालच देकर जोड़ता चला गया. अमन साहू को पहली बार पुलिस ने 2019 में गिरफ्तार किया था लेकिन वह पुलिस गिरफ्त से किसी तरह भाग गया. दुबारा अमन तीन साल बाद 2022 में पुलिस की गिरफ्त में आया.