जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) : भारतीय सेना की 51 साल पहले दिखाई गई जांबाजी तारीखों में भले पुरानी है. मगर हमारे जवानों की अदम्य साहस की छाप तब के पाकिस्तान की मेघना नदी से होकर ढाका की सड़कों गलियों में आज भी अमिट है. महज 13 दिनों में हमारे भारतीय रणबांकुरे के सामने पाकिस्तान की 93000 सैनिकों ने 16 दिसंबर 1971 में हथियार डाल दिए थे. भारतीय सेना ने जांबाजी और रण कौशल दोनों में पाकिस्तान को धूल चटा दी और पाकिस्तान के दो टुकड़े कर नया देश बांग्लादेश का निर्माण करवा दिया. उसी के खुशी के अवसर पर आज के दिन विजय दिवस मनाते हैं. जमशेदपुर के गोलमुरी स्थित शहीद स्थल पर पूर्व सैनिक समिति द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उस युद्ध में भाग लेने वाले रणबांकुरे को सम्मानित किया गया.
विजय दिवस के ज़रिए शहीदों को याद
पूर्व सैनिक वरुण कुमार ने बताया कि श्रद्धांजलि देने के लिए पूर्व सैनिक के तीनों सेनाओं के जवान यहां उपस्थित है और शहीदों के सम्मान के बाद उस युद्ध में भाग लेने वाले तीनों सेना के पूर्व सैनिकों को भी यहां सम्मानित किया गया है. इस विजय दिवस को हम लोग इसलिए और उत्साह से मना रहे हैं कि आने वाली पीढ़ी जाने कि 16 दिसंबर को हमने कैसे जीत हासिल की थी, कैसे महज 13 दिनों के अंदर पाकिस्तान के 93000 सैनिकों को हथियार डालने के लिए विवश कर दिया था.
रिपोर्ट: रंजीत ओझा, जमशेदपुर