रांची(RANCHI): इस बार हेमंत मंत्रिमंडल में कांग्रेस कोटे से दोबारा दीपिका पांडे सिंह शामिल हुई हैं. दीपिका पांडे सिंह को ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग का कार्यभार सौंपा गया है. दीपिका पांडे सिंह ने दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर महागामा विधानसभा सीट पर प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की. साथ ही दोबारा से हेमंत के कैबिनेट में भी शामिल हो गईं. दीपिका पांडे सिंह हेमंत कैबिनेट में ग्रामीण विकास पद का पदभार संभाल रही हैं. इससे पहले भी वे हेमंत कैबिनेट में कृषि मंत्री के पद पर थीं. महागामा विधायक दीपिका पांडे सिंह के राजनैतिक सफर की बात करें तो उन्होंने कांग्रेस की युवा कांग्रेस से अपनी राजनैतिक सफर की शुरुआत की. जिसके बाद युवा कांग्रेस के महासचिव से लेकर विधायक तक का सफर तय कर अब वे मंत्री बन गई हैं. आइए विस्तार से जानते हैं महागामा विधायक दीपिका पांडे सिंह के युवा कांग्रेस महासचिव से लेकर विधायक व मंत्री बनने तक के राजनैतिक सफर के बारे में.
रांची में हुआ दीपिका पांडे सिंह का जन्म
साल 1976 में 22 जून को रांची में दीपिका पांडे सिंह का जन्म हुआ था. दीपिका पांडे सिंह के परिवार की बात करें तो वह एक बड़े राजनीतिक परिवार में पली-बड़ी हैं. दीपिका पांडे सिंह की माता महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं. ऐसे में कह सकते हैं कि दीपिका पांडे सिंह बचपन से ही राजनीति देखती और सीखती आ रही हैं. दीपिका पांडे सिंह ने अपनी पढ़ाई रांची से ही की है. 1994-1997 में रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज में उन्होंने बायोलॉजी में बीएससी की डिग्री हासिल की. जिसके बाद 1998 से 2000 तक अपनी एमबीए की पढ़ाई जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विसेज से पूरी की. इसके बाद जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज से साल 2008 से 2011 तक उन्होंने एलएलबी की डिग्री हासिल की.
2014 में मिली जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी
पढ़ाई पूरी होने के बाद अपनी मां के नक्शे कदम पर चलते हुए दीपिका पांडे सिंह ने राजनीति को चुना. नेशनल पार्टी कांग्रेस की युवा शाखा में झारखंड की महासचिव बन उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की. जिसके बाद दीपिका पांडे सिंह ने युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव के तौर पर राष्ट्रीय समिति में अपनी जगह बना ली. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने दीपिका पांडे सिंह को साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान गोड्डा में पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी और उन्हें गोड्डा कांग्रेस का जिला अध्यक्ष बना दिया गया. इस दौरान कांग्रेस के झंडे को बुलंद करते हुए दीपिका पांडे सिंह का दमदार रूप कई आंदोलनों में देखने को मिला. जिला अध्यक्ष का पदभार संभालते हुए उन्होंने युवा और महिला समेत कई मुद्दों पर आवाज उठाए. साथ ही कई गांवों में पैदल यात्रा भी की और लोगों को कांग्रेस से जोड़ना शुरू किया.
कई आंदोलन में दिखीं आगे, कांग्रेस के लिए बनी बड़ा चेहरा
कई मुद्दों पर आवाज उठाने के साथ दीपिका पांडे पीड़ितों के साथ भी खड़ी रही. ईसीएल ललमटिया में खनन के दौरान हुए हादसे में भी दीपिका पांडे सिंह ने मजदूरों को न्याय दिलाने के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल से लेकर मजदूरों के परिजनों के साथ हर वक्त खड़ी रहीं. आखिरकार दीपिका पांडे सिंह के आंदोलन के सामने सरकार को भी झुकना पड़ा. इसके बाद साल 2017 में शराबबंदी के मुद्दे पर भी दीपिका पांडे सिंह ने आंदोलन चला दिया. इस आंदोलन में दीपिका पांडे सिंह ने महिलाओं को खासकर अपने साथ शामिल किया. इन आंदोलनों के कारण दीपिका पांडे सिंह कांग्रेस के लिए एक बड़ा चेहरा बन गई और साल 2018 में कांग्रेस ने उन्हें बिहार का कांग्रेस प्रभारी बना दिया.
2019 में कांग्रेस ने चुनावी मैदान में उतारा
कांग्रेस के लिए दीपिका पांडे सिंह एक मजबूत नेता साबित हुई. ऐसे में कांग्रेस ने साल 2019 के विधानसभा चुनाव में महागामा विधानसभा सीट से दीपिका पांडे सिंह को चुनावी मैदान में उतार दिया. कांग्रेस के इस भरोसे पर भी दीपिका पांडे सिंह खरी उतरीं और उन्होंने अपने विपक्ष के भाजपा उम्मीदवार को 12000 से अधिक वोटों से हरा दिया और महगामा विधानसभा सीट से विधायक चुनी गई. हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद हेमंत कैबिनेट में दीपिका पांडे सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया. जिसके बाद अब साल 2024 में एक बार फिर दीपिका पांडे महगमा विधानसभा सीट से ही चुनाव जीती हैं और हेमंत कैबिनेट में अपनी जगह दूसरी बार बना ली है.
दीपिका का मजबूत परिवार से नाता
दीपिका पांडे सिंह की पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें तो दीपिका पांडे सिंह की मां महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं. वहीं, दीपिका पांडे सिंह के ससुर अवध बिहारी सिंह भी राजनीति का बड़ा चेहरा हैं. दीपिका पांडे सिंह के ससुर अवध बिहारी सिंह भी झारखंड के महागामा विधानसभा सीट से ही चार बार विधायक चुने गए थे और वे बिहार सरकार के पूर्व ग्रामीण विकास विभाग मंत्री थे.