दुमका(DUMKA): झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है. संताल परगना प्रमंडल में कुल 18 विधान सभा सीट है. एनडीए के सीट शेयरिंग के अनुरूप 17 सीट भाजपा जबकि एक सीट पाकुड़ आजसू के खाते में गया है. भाजपा ने 17 में से 16 सीट पर अपने प्रत्याशी के नामों की घोषणा कर दी है. लेकिन बरहेट सीट पर सीएम हेमंत के सामने सियासी अखाड़े में पहलवान की तलाश जारी है. यही वजह है कि जारी सूची में बरहेट सीट को खाली रखा गया है.
पुराने चेहरों पर भाजपा को भरोसा
संताल परगना प्रमंडल के परिदृश्य में देखें तो पार्टी ने साल 2019 में विधानसभा चुनाव जीत कर विधायक बनने वालों पर ही भरोसा जताया है. राजमहल से अनंत ओझा, गोड्डा से अमित मंडल, देवघर से नारायण दास और सारठ से रणधीर सिंह को मैदान में उतारा गया है. इसके अलावा देखें तो अधिकांश पुराने चेहरे पर ही भरोसा जताया है. महागामा से अशोक भगत, पोड़ैयाहाट से देवेंद्र नाथ सिंह, जरमुंडी से देवेंद्र कुंवर, जामा से सुरेश मुर्मू, शिकारीपाड़ा से परितोष सोरेन और लिट्टीपाड़ा से बाबुधन मुर्मू को मैदान में उतारा है.
सुनील सोरेन को मिला पुरष्कार जबकि टिकट की दौड़ में शामिल 3 पूर्व मंत्रियों को मिली निराशा
टिकट की दौड़ में शामिल 3 पूर्व मंत्रियों को दरकिनार कर दिया गया है. दुमका से पूर्व मंत्री डॉ. लुईस मरांडी के बदले सुनील सोरेन को प्रत्याशी बनाया गया. कहा जा रहा है कि लोकसभा में टिकट देकर वापस लेने का पुरष्कार सुनील सोरेन को मिला. मधुपुर से पूर्व मंत्री राज पलिवार के साथ नाला से पूर्व मंत्री सत्यानंद झा बाटुल को भी निराशा हाथ लगी. पार्टी ने मधुपुर से गंगा नारायण सिंह और नाला से माधव चंद्र महतो पर भरोसा जताया है.
सीता की एक और अग्नि परीक्षा, जामताड़ा से बनाया प्रत्याशी
वहीं, झामुमो छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले लोबिन हेम्ब्रम को बोरियो और सीता सोरेन को जामताड़ा से मैदान में उतारा गया है. यह सीता के लिए एक और अग्निपरीक्षा के समान माना जा रहा है. वहीं डीएसपी की नौकरी छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले नवनीत हेम्ब्रम को महेशपुर से प्रत्याशी बनाया गया है.
बरहेट सीट पर भाजपा को पहलवान की तलाश, हेमलाल मुर्मू कर चुके हैं घर वापसी
सवाल उठता है कि आखिर बरहेट सीट पर प्रत्याशी की घोषणा अब तक क्यों नहीं हुई! क्या भाजपा के पास बरहेट में कोई पहलवान नहीं या फिर वैसे पहलवान की तलाश है जो सीएम हेमंत सोरेन को शिकस्त दे सके! बरहेट सीट झामुमो का गढ़ माना जाता है. कहा जाता है कि यहां के मतदाता प्रत्याशी से ज्यादा सिंबल को जानते है. यही वजह है कि झामुमो के टिकट पर विधायक से लेकर सांसद तक बनने वाले हेमलाल मुर्मू जब कमल पर सवार हुए तो मतदाताओं ने उन्हें भी नकार दिया. आखिरकार हेमलाल ने घर वापसी कर ली. लेकिन तब तक हेमंत सोरेन को लगातार दो बार बरहेट की जनता ने अपना प्रतिनिधि चुन लिया. अब हेमंत सोरेन इस सीट को छोड़ना नहीं चाहेंगे. इसलिए भाजपा बरहेट सीट से मजबूत कैंडिडेट की तलाश में है.
पूर्व मंत्री डॉ. लुईस को मिला है प्रस्ताव! जबाब का इंतजार!
सूत्रों की मानें तो पार्टी ने पूर्व मंत्री डॉ. लुईस मरांडी के समक्ष इस सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा है. लुईस मरांडी दुमका सीट से चुनाव की तैयारी कर चुकी थीं. कहा जा रहा है कि दुमका से 2014 के चुनाव में सीएम रहते हेमंत सोरेन को लुईस मरांडी ने पराजित किया था. अब सीएम को हराने लुईस मरांडी को बरहेट भेजने की योजना है. यह प्रस्ताव लुईस के समक्ष रखा गया है. पार्टी को लुईस के जबाब का इंतजार है. यही वजह है कि बरहेट सीट से अभी तक प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की गयी है.