पटना(PATNA):बिहार विधानसभा को पूरी तरह हाइटेक और पेपरलेस होने का दावा किया जाता है, लेकिन आज हुए सत्र के दौरान तकनीकी खामियों ने इन दावों पर सवाल खड़े कर दिए.राज्यपाल के अभिभाषण के समय सेंट्रल हॉल में एक अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई, जब 25 मिनट के अभिभाषण में लगभग 10 मिनट तक राज्यपाल का माइक बंद रहा इसके बावजूद राज्यपाल ने किसी तरह अपना अभिभाषण पूरा किया.
जनता को धन्यवाद, महिला सशक्तिकरण और नौकरियों पर जोर
अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने बिहार की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार महिला सशक्तिकरण से जुड़ी सभी योजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.उन्होंने यह भी दोहराया कि सरकार ने जो एक करोड़ रोजगार और नौकरियों का वादा किया है, उसे पूरा करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा.
उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन
सत्र के दौरान आज एक और महत्वपूर्ण राजनीतिक गतिविधि देखने को मिली. बिहार विधानसभा में नरेंद्र नारायण यादव ने उपाध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया, जिससे सदन की राजनीतिक हलचल और बढ़ गई है.
तकनीकी खामियों पर उठ रहे सवाल
हाइटेक और पेपरलेस बताई जाने वाली विधानसभा में अभिभाषण के दौरान माइक बंद रहने की घटना के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या विधानसभा की तकनीकी व्यवस्था उतनी मजबूत है, जितने दावे किए गए थे. विपक्ष ने भी इस मुद्दे को उठाने के संकेत दिए है.
