पटना (PATNA) : बिहार की नयी शिक्षक नियुक्ति नियमावली को लेकर बवाल मचा हुआ है. लोग इसके खिलाफ आंदोलन पर उतारू हो गए हैं. लगातार शिक्षकों द्वारा किए जा रहे आंदोलन और धरना के खिलाफ अब सरकार ने उनके आक्रोश को दबाने के लिए कार्रवाई का फरमान जारी कर दिया है. सरकार ने कहा है कि अगर नियोजित शिक्षकों ने किसी तरह के धरना-प्रदर्शन में भाग लिया तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. सरकार ने इसका पत्र जारी कर दिया है.
पत्र में कही गई ये बात
बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने मंगलवार को पत्र जारी किया है. उन्होंने सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजा है. इस पत्र में कहा गया है. समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से यह समाचार प्रकाशित होते रहते हैं कि वर्तमान स्थानीय निकाय के शिक्षकों द्वारा नई नियुक्ति नियमावली के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा. इस संबंध में सुनिश्चित करें कि यदि कोई भी स्थानीय निकाय के नियोजित शिक्षक अथवा अन्य कोई भी सरकारी कर्मी नियुक्ति नियमावली के विरोध में किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन या अन्य सरकार विरोधी कार्यक्रमों में भाग लेते हैं तो उनके विरूद्ध नियमानुकूल कार्रवाई अविलंब सुनिश्चित की जाए.”
क्या हैं शिक्षकों की समस्या
दरअसल कैबिनेट से नई नियमावली पास होने के बाद अब शिक्षकों की नियुक्ति स्थानीय स्तर पर नहीं बल्कि राज्य स्तर पर होगी. वहीं नियोजित शिक्षकों का कहना है कि जब वे पहले से परीक्षा पास कर चुके हैं तो फिर से परीक्षा क्यों देंगे?
नयी नियमावली में शिक्षकों को स्थानांतरण की सुविधा
इसके साथ ही नयी नियमावली में शिक्षकों को स्थानांतरण की सुविधा भी प्रदान की गयी है. हालांकि पुरानी नियमावली की कई नियमों में छेड़छाड़ नहीं किया गया है, मेधा सूची तैयार करने के दौरान मैट्रिक, इंटरमीडियट, स्नातक और स्नातकोत्तर और प्रशिक्षम में प्राप्त अंकों को वेटेज देने की प्रक्रिया जारी रहेगी.यहां बता दें कि सरकार की कोशिश इस वर्ष तीन लाख शिक्षकों की बहाली करने की है, अब इस नियमावली के निर्माण के बाद तीन लाख शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता भी साफ हो गया