मोतिहारी(MOTIHARI):प्यार की कोई जाति, धर्म और हद नहीं होती है, ये कभी भी किसी से भी हो सकता है.एक सुंदर लव स्टोरी बिहार के मोतिहारी जिले से सामने आई है.जहां इंडोनेशिया की लड़की को पढ़ाई के दौरान पूर्वी चंपारण जिला के युवक से प्यार हो गया. लड़का और लड़की दोनों ताइवान में पढ़ाई करते थे, इसी दौरान दोनों का प्यार परवान चढ़ा. दुल्हन इंडोनेशिया के नौर्थ सुमात्रा प्रोविंस स्थित सिबोरोगबोरोगा की रहने वाली सोइल्लीना मेनाक सिलाबन है,तो दूल्हा पताही के परसौनी गांव का रहने वाला हर्षबर्धन कुमार है.
दोनों की शादी के गवाह बने कई लोग
दोनों के बीच जब प्यार बढ़ा, तो दोनों ने शादी करने का सोचा और इंडोनेशिया में ही शादी कर ली, फिर उसके बाद लड़के के गांव पूर्वी चंपारण जिला के परसौनी गांव आकर भारतीय रीति रिवाज से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शादी कर बड़ो का आर्शीवाद लिया.दोनों की शादी के गवाह गांव के अलावा अगल-बगल के क्षेत्र के लोग भी बने.वहीं शादी के बाद दुल्हन सोइल्लीना ने भारतीय कल्चर को पसंद करते हुए बहुत अच्छा बताया.
पढ़ें कैसे दोनों का प्यार चढ़ा परवान
दुल्हा हर्षबर्धन कुमार ने बताया कि वो ताइवान में पोस्ट डाक्टोरल साइंटिस्ट के रुप में कार्य कर रहा था.वहीं पर सोइल्लीना ग्लोबल फाइनेंस में एमएस कर रही थी, दोनों की मुलाकातें हुई और दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गई, और ये नजदीकियां प्यार में बदल गई. दोनों ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी,लेकिन शुरुआत में परिजनों की तरफ से दोनों के प्यार पर मुहर नहीं लगी,बाद में समझाने पर दोनों परिवार शादी के लिए राजी हो गए. हर्षबर्धन कुमार वर्ष 2018 से लेकर मार्च 2021 तक ताइवान में रहे, फिर मार्च 2021 में भारत लौट आये और जयपुर स्थित एलएनएम आईआईटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बने.दोनों ने विगत मार्च 2023 में पहले इंडोनेशिया में शादी की, फिर अपने गांव आकर शादी की है. हर्षबर्धन कुमार ने कहा कि वो अपनी पत्नी सोइल्लीना को हिंदू कल्चर और रीति रिवाज से परिचित कराना चाहता थे, इसलिए हिंदू रीति रिवाज से भी शादी की. यहां के रीति रिवाज का अनुभव कर उनकी पत्नी काफी खुश है.
दुल्हन सोइल्लीना मेनाक सिलाबन ने कहा कि भारत का कल्चर और लोग काफी अच्छे हैं
वहीं दुल्हन सोइल्लीना मेनाक सिलाबन ने बताया कि ताइवान में दोनों एक दूसरे के नजदीक आए और प्यार हो गया.भारत का कल्चर और यहां के लोग काफी अच्छे हैं.हिंदी वो समझ नहीं पाती, कोई कोई शब्द थोड़ा-थोड़ा समझती है, हर्षबर्धन के पिता अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि इस शादी से वह बहुत खुश हैं.दुल्हन यहां के कल्चर को एडब्ट करने वाली है.वह यहां के बारे में सब कुछ जान जाएगी और जल्दी ही सीख लेगी.गांव के लोगों ने भी दुल्हन का अच्छे ढ़ंग से स्वागत किया है.हर्षबर्धन की मां ने बताया कि मेरा पूरा परिवार खुश है.दुल्हन बहुत अच्छी है.वह धीरे-धीरे सबकुछ सीख लेगी और समझ जाएगी.वह बहुत कुछ जानती भी है.
इस शादी को लेकर ग्रामीणों में भी काफी उत्साह है
हर्षबर्धन के पैतृक गांव पताहीं के परसौनी में गुरुवार को शादी को लेकर पूरी तैयारी की गई थी.हर्षबर्धन के परिजनों ने इस शादी को लेकर सगे संबंधियों के अलावा अपने नजदीकी लोगों को भी आमंत्रित किया था.पारंपरिक शादी के गीतों और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सभी रस्मों को पूरा किया गया.वहीं शुक्रवार को रिसेप्शन रखा गया था,जिसमें काफी संख्या में लोग आमंत्रित किए गए थे,लोगों ने वर वधु आशिर्वाद दिया.इस शादी और रिसेप्शन को लेकर ग्रामीणों में भी काफी उत्साह है.