भागलपुर(BHAGALPUR): नीतीश बाबू की सरकार को सुशासान की सरकार बोली जाती है. लेकिन, सबके मन में सवाल ये रहता है कि आखिर उनके सुसाशन की धज्जियां समय-समय पर उड़ाने वाले गोपालपुर के जेडीयू विधायक गोपाल मंडल पर उनका जोर क्यों नहीं चलता. उनकी सुशासन उस वक्त कहां गुम हो जाती है औऱ कानून का राज कहां गायब हो जाता है. गोपाल मंडल का अब एक नया कारनामा सुन लीजिए, जिससे नीतीश सरकार की किरकिरी हो रही है. दरअसल, सड़क हादसे में मृतक के परिजन मुआवजे की मांग कर रहे थे, तो गोपाल मंडल ने उसे बीच सड़क पर ही जोरदार थप्पड़ जड़ दिया. इतना ही नहीं सत्ता के नशे मदमस्त गोपाल मंडल ने खुद को डीएम से भी ऊपर बता दिया.
क्या है पूरा मामला
थप्पड़ जड़ने का ये कांड शनिवर सुबह की है. जब एक साइकिल सवार बुजुर्ग को तेज रफ्तार से आ रही एक ट्रक ने चपेट में लिया. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी. इस दुर्घटना के बाद गुस्से में परिजनों ने जीरो माइल से सबौर जाने वाली सड़क मार्ग को जाम कर दिया औऱ मुआवजे की मांग पर अड़ गये. तीन घंटे तक गाड़ियों का आवागमन ठप्प पड़ गया था. पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचकर समझा-बुझ रहे थे. तब ही गोपालपुर के विधायक गोपाल मंडल पहुंच गये. मृतक के परिवारवालों ने जेडीयू विधायक से मुआवजा मांगा, तो उन्होंने तपाक से जोरदार थप्पड़ जड़ दिया. इसे लेकर माहौल थोड़ा गर्म हो गया. हालांकि, जिसे थप्पड़ पड़ा था, उसे इसका कोई अफसोस नहीं था. बल्कि, यह बोला कि बड़े भाई जैसे हैं. इधर गोपाल मंडल ने इस थप्पड़ कांड पर तुरंत सफाई दी औऱ बोला कि उसके समर्थक है. साथ ही सवाल किया कि क्या बड़ा भाई अपने छोटे भाई को नहीं मार सकता. उन्होंने भरोसा दिलाया कि डीएम और परिवहन विभाग को लिखेंगे और मृतक के परिजनों को मुआवजा दिलवायेंगे.
जानिए गोपाल मंडल से जुड़े विवाद
गोपालपुर के जेडीयू विधायक गोपाल मंडल अक्सर अपने बिगड़ेल अंदाज के चलते सुर्खियों में छाए रहते हैं. सवाल कईयों बर उनकी बदमिजाजी पर दागे गये. लेकिन, उनक कुछ भी बिगड़ता ही नहीं है. कुछ महीने पहले ही भागलपुर में अस्पताल में दबंगई से रिवाल्वर लहरा रहे थे. इसी कारस्तानी पर जब पटना में पत्रकारों ने सवाल किया तो गंदी-गंदी गालियां बकने लगे थे. अपने बड़बोलेपन औऱ दबंगई के चलते गोपाल मंडल अक्सर परेशानियों में पड़ते ही रहे हैं. पिछले उनके कारनामे ही ऐसे है कि इनके चलते बदनामी जनता दल यूनाइटेड होती है. उन पर चार केस दर्ज है, जिसमे तीन भागलपुर और एक आरा में हैं.
सबसे ज्यादा चर्चा में तो गोपाल मंडल तब आए थे, जब ट्रेन की एसी कोच में यात्रा के दौरान अंडरवीयर में घूम रहे थे. जब यात्रियों ने आपत्ति जताई, तो गालीगलौज औऱ मारपीट पर उतारू हो गये. इस पर दिल्ली में केस दर्ज किया गया था, जो बाद में आरा में ट्रांफसर किया गया. गोपाल मंडल सरकारी कामकजा में बाधा डालने औऱ अधिकारियों को धमकाने का भी आरोप लगे है. गाली-गलौज औऱ धमकाने को लेकर इस्माइलपुर थाने में पहला केस दर्ज है. फिलहाल, सभी मामले में जमानत पर विधायक गोपाल मंडल चल रहे है. जो धारा पर केस किया गया है, अगर दोषी पाए जाने पर सजा होती है, तो फिर उनकी विधायकी भी जा सकती है.
गोपाल मंडल का तो विवादों से नाता रहा ही है, इसके साथ ही बेटे आशीष पर भी आपराधिक केस दर्ज है. जमीन विवाद में उस पर दस राउंड फायरिंग करने का आरोप लगा था. दिसंबर 2022 में आशीष को एसआईटी ने गिरफ्तार भी किया था. इसी साल अप्रैल में आशीष को हाईकोर्ट से जमानत मिली है. आशीष अपने माता-पिता के चुनावी कामकाज को देखते हैं.