पटना(PATNA)- नीतीश कुमार की अगुवाई में आज की कैबिनेट की बैठक में शिक्षकों को लिए राजपत्रित कर्मचारी बनने का रास्ता साफ कर दिया, सरकारी शिक्षक बनाने की उनकी चिरपरिचित मांग पूरी कर दी गयी है, इस फैसले के बाद बिहार में शिक्षकों की पहचान में भी बदलाव आयेगा. अब उन्हे पारा शिक्षक और शिक्षक मित्र जैसी शब्दावलियों से संबोधित नहीं किया जायेगा. अब उनकी पहचान एक पूर्णकालिक शिक्षक की होगी और उसी के अनुसार उनकी सेवा शर्तों और दूसरी सुविधाओं में संशोधन और विस्तार किया जायेगा.
नियोजन इकाईया भंग, अब 9222 के स्थान पर मात्र 38 नियोजन इकाइयां
नयी नियमावली के आते ही सारी नियोजन इकाइयों को भंग कर दिया गया है. अब शिक्षकों की बहाली के लिए एक आयोग का गठन किया जायेगा. यहां बता दे कि पुरानी शिक्षक नियुक्ति नियमावली के तहत 9222 नियोजन इकाइयां काम कर रही थी, जिसके कारण शिक्षकों की नियक्ति में काफी पेचीदगी और अपारदर्शिता रहती थी, नयी नियमावली में अब सिर्फ 38 नियोजन इकाइयां रहेगी, यानी जिलों को ही नियोजन इकाई माना जायेगा. शिक्षक की नियुक्ति के लिए अब आवेदकों को प्रखंड स्तर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा, उन्हे सिर्फ आयोग के पास एक आवेदन देना होगा.
नयी नियमावली में शिक्षकों को स्थानांतरण की सुविधा
इसके साथ ही नयी नियमावली में शिक्षकों को स्थानांतरण की सुविधा भी प्रदान की गयी है. हालांकि पुरानी नियमावली की कई नियमों में छेड़छाड़ नहीं किया गया है, मेधा सूची तैयार करने के दौरान मैट्रिक, इंटरमीडियट, स्नातक और स्नातकोत्तर और प्रशिक्षम में प्राप्त अंकों को वेटेज देने की प्रक्रिया जारी रहेगी.
तीन लाख शिक्षकों की होनी है बहाली
यहां बता दें कि सरकार की कोशिश इस वर्ष तीन लाख शिक्षकों की बहाली करने की है, अब इस नियमावली के निर्माण के बाद तीन लाख शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता भी साफ हो गया.