रांची(RANCHI): सुभाष मुंडा हत्याकांड के बाद राजधानी रांची की पूरे एक्शन मोड में देख रही है, पुलिस विभाग की इस कार्रवाई से भू माफियाओं में हड़कंप की स्थिति है. आज के दिन राजधानी के 17 थाना क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाकर भू माफियाओं से गहन पूछताछ की जा रही है. उनकी परिसंपत्तियों के साथ उनके आपराधिक अतीत को खंगाला जा रहा है, उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों की सूची तैयार की जा रही है. पैन कार्ड, आधार कार्ड, आयकर रिटर्न की प्रति जमा करवाया गया है. इससे साथ ही उनकी कंपनियों का एक-एक ब्योरा जुटाया जा रहा है, ताकि शैल कंपनियों का निर्माण कर काली कमाई को सफेद करने वाले सफेदपोशों के चेहरों को सामने लाया जा सके. इसके लिए पुलिस महकमें की ओर से 24 पुलिस टीमों का गठन किया गया है.
हाईकोर्ट के आदेश पर जमीन माफियाओं की लिस्ट तैयार
इस बीच 75 वैसे भू माफियाओं की सूची सीलबंद लिफाफे में हाईकोर्ट को सौंपी गयी है. जिनकी गतिविधियों से राजधानी रांची में हिंसक वारदात होने की आशंका है. जबकि 50 भू माफियाओं को थाने में ही बौंड भरवा कर छोड़ा गया है. यहां ध्यान रहे कि जमीनी विवाद में हो रही इन हत्याओं पर झारखंड हाईकोर्ट ने भी चिंता प्रकट की है. और राजधानी रांची बड़े जमीन कारोबारियों की सूची और उनके एक एक ब्यारे की मांग की गयी थी.
सभी थानेदारों को रिपोर्ट जमा करने का सख्त निर्देश
सभी थानेदारों को इन सारी जानकारियों को एक रिपोर्ट की शक्ल में एसपी को भेजने का निर्देश दिया गया है. साथ ही जमीन कारोबारियों पर 107 के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया की भी शुरुआत कर दी गई है, ताकि उनकी गतिविधियों के कारण कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित नहीं हो. पुलिस वैसे जमीन काराबारियों की सूची भी बना रही है, जिन पर एक थाना क्षेत्र से ज्यादा थानों में मुकदमा दर्ज है, और जिनके कारण हिंसक वारदात की आशंका बनी हुई है.
पिछले पांच साल में जमीन विवाद में 101 मौत
ध्यान रहे कि पिछले पांच वर्षों में राजधानी रांची में भूमि विवाद में 101 हत्याएं हो चुकी है. जबकि 530 मुकदमें दर्ज हो चुके हैं. राजधानी रांची में दिन प्रति दिन हो रही हत्याओं की मुख्य वजह जमीनी विवाद ही माना जा रहा है, पुलिस विभाग के आला अधिकारियों का मानना है कि जब तक राजधानी रांची में जमीन कारोबारियों की गतिविधियों पर नकेल नहीं लगायी जाती, तब तक राजधानी रांची को हिंसक वारदातों से मुक्त नहीं करवाया जा सकता.