रांची(RANCHI)- कभी दुनिया 126 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ के धनकुबेरों में तीसरे स्थान पर गिने जाने वाले गौतम अडाणी का विशाल साम्राज हिंडनबर्ग (Hindenburg) की एक रिपोर्ट जारी होते ही ताश के पतों की तरह एकबारगी बिखर गया. 24 जनवरी को रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद अडाणी ग्रूप के शेयरों में भारी गिरावट देखी गयी थी, गौतम अडाणी की हालत यह हो गयी कि वह दुनिया के रईशों में तीसरे स्थान से लुढ़क कर 24वें स्थान पर पहुंच गयें..
अडाणी ग्रुप को लेकर राहुल गांधी के द्वारा जेपीसी जांच की मांग की गयी थी
अडाणी ग्रूप की कंपनियों में इस भारी गिरावट को राहुल गांधी के द्वारा संदेह की नजर से देखा गया था, और अडाणी ग्रूप को लेकर कई बेहद गंभीर सवाल खड़े किये गये थें. राहुल गांधी के द्वारा इसे राष्ट्रीय संपदा का एक सुनियोजित लूट बताया गया था. उनका दावा था कि गौतम अडाणी की कंपनियों में 20 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि मनि लांड्रिग के माध्यम से निवेश किया गया है, और यह राशि गौतम अडाणी का नहीं होकर किसी और का है.
अडाणी ग्रूप के विशाल साम्राज्य को खड़ा करने में पीएम मोदी की भूमिका
राहुल गांधी का दावा था कि अडाणी ग्रूप के इस विशाल साम्राज्य को खड़ा करने में पीएम मोदी की भूमिका रही है, उनके द्वारा बार-बार अडाणी के साथ पीएम मोदी के रिश्तों लेकर सवाल खड़े किये जा रहे थें, साथ ही इस पूरे प्रकरण की जेपीसी जांच करवाने की मांग की जा रही थी. हालांकि उसके बाद ही मोदी सरनेम को लेकर एक चुनावी सभा में दिये गये उनके बयान को आपत्तिजनक बताते हुए सूरत की एक निचली अदालत के द्वारा उन्हे दो वर्ष की सजा सुना दी गयी. जिसके बाद आनन फानन में महज 24 घंटे के अन्दर ही लोकसभा सचिवालय के द्वारा उनकी सदस्यता रदद् करने की अधिसूचना भी जारी कर दी गयी.
शरद किधर, गर्म हुई राजनीतिक आकलनों का दौर
लेकिन यूपीए खेमें में होने के बावजूद महाराष्ट्र की राजनीति का चाणक्य माने जाने वाले शरद पवार के द्वारा जेपीसी जांच की मांग को खारिज कर दिया गया था, शरद पवार का तर्क था कि जब इस मामले की जांच सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में की जा रही है, तब जेपीसी जांच कोई औचित्य नहीं है. हालांकि उस वक्त इसे बेहद सामान्य सी बात मानी गयी थी, माना गया था कि शरद पवार का यह अपना आकलन होगा. लेकिन अब खबर आ रही है कि गौतम अडाणी के साथ शरद पवार का बंद कमरे में मुलाकात हुई है. हालांकि यह मुलाकात क्यों हुई, इसकी जानकारी अभी निकल कर सामने नहीं आयी है, लेकिन शरद पवार के द्वारा जेपीसी जांच की मांग को खारिज करना और अब बंद कमरे में मुलाकात के बाद राजनीति गलियारों में कयासों का बाजार गर्म हो गया है.
सुप्रिया सुल्ले के बयान के बाद अडाणी से मुलाकात के मायने
इन कयासों को बल इसलिए भी मिला है कि अभी कुछ दिन पहले ही शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुल्ले ने यह दावा कर राजनीतिक गलियारों में सनसनी मचा दी थी कि 15 दिनों के अन्दर अन्दर ही देश और महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आने वाला है, क्या यह मुलाकात उसी भूचाल की ओर इशारा है, या यह उस भूचाल की शुरुआत है, क्या शरद पवार भाजपा के साथ जाने का मन बना चुके हैं?