रांची(RANCHI)- छवि रंजन और पूजा सिंघल के बाद क्या झारखंड में आईएएस अफसरों का एक और विकेट गिरने वाला है? यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि जैसे-जैसे छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच की आगे बढ़ रही है, उसके कई तार झारखंड से जुटते नजर आने लगे हैं और इसी कड़ियों को आधार बनाते हुए भाजपा के सांसद निशिंकात दुबे ट्वीट किया है कि झारखंड का अगला विकेट कौन?
हालांकि यह सभी आकलन अभी महज आशंकाएं है, अभी इस मामले में कोई पुख्ता सबूत किसी के पास नहीं है, लेकिन छत्तीसगढ़ शराब घोटले में जिन चर्चित चेहरों की गिरफ्तारी हुई है, झारखंड के शराब कारोबार के संचालन में उनकी बड़ी भूमिका थी. जिन कंपनियों, संस्थायों और निगमों के सहारे छत्तीसगढ़ में शराब का व्यवसाय किया जा रहा था. उन सभी कंपनियों, संस्थाओं और निगमों के तार झारखंड शराब व्यवसाय से जुड़े हुए हैं और यही समानता और समानान्तर व्यवस्था भाजपा सासंद के ट्विट के आधार हैं.
छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ के शराब घोटाले में नक़ली होलोग्राम की कम्पनी प्रशासनिक अधिकारी के परिजनों ने बनाई, उसी का कारोबार झारखंड में भी,झारखंड का अगला विकेट?
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) May 11, 2023
छतीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड की भूमिका पर सवाल
ध्यान रहे कि झारखंड सरकार ने छतीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को झारखंड के शराब व्यवसाय अपना परामर्शी बनाया था. अब छत्तीसगढ़ शराब घोटले में इसके ही प्रबंध अरुणपति त्रिपाठी, होलोग्राम छापने वाली कंपनी प्रिज्म होलोग्राम एंड फिल्म सिक्यूरिटीज लिमिटेड, और खुदरा दुकान चलाने के लिए मानव संसाधन उपलब्ध करवाने वाली कंपनी मेर्सस सुमित फेलिसिटिज लिमिटेट को इसका किंगपिन बताया जा रहा है. इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
नई शराब नीति से राजस्व उगाही में हुआ घाटा
इन परिस्थितियों में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या झारखंड के शराब कारोबार में भी इनके द्वारा कोई वित्तीय गड़बड़ी तो नहीं की गयी है. क्योंकि इन्ही तीन चेहरों के बदौलत तो झारखंड में शराब का कारोबार किया जा रहा था, और यह दावा भी किया गया था कि छतीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को परामर्शी संस्था बनाते ही यहां शराब कारोबार के राजस्व उगाही में तेजी आयेगी, लेकिन हुआ उल्टा, झारखंड की नयी शराब नीति से राजस्व उगाही को बड़ा धक्का लगा.
निर्दलीय विधायक सरयू राय का दावा
झारखंड में शराब का थोक क्रय-विक्रय करनेवाली सरकारी कंपनी विबरेज कॉरपोरेशन के खाता मिलान में क़रीब ₹52 करोड़ का अंतर होने की सूचना है. आंतरिक अंकेक्षण कराकर इसपर लीपापोती करने की कोशिश की गई है. #CAG इसके बैंक खातों और इससे लेनदेन के संबंधित खातों का विस्तृत अंकेक्षण करें,
— Saryu Roy (@roysaryu) May 8, 2023
इस निर्दलीय विधायक बीच सरयू राय ने यह दावा भी किया है कि झारखंड राज्य वेबरेजेज कारपोरेशन (जेएसबीसीएल) के खाते में करीबन 52 करोड़ रुपये का अंतर है और विभाग इसका आंतरिक ऑडिट करवा कर लीपापोती की तैयारियों में जुटा है. हालांकि जेएसबीसीएल प्रबंधन के द्वारा इन दावों को निराधार बताया गया है और दावा किया गया है कि इन खातों की एक बार फिर से जांच की जायेगी.
ईडी के द्वारा पहले ही कर्ण सत्यार्थी और उत्पाद सचिव विनय चौबे से छत्तीसगढ़ शराब घोटाले का किंगपीन माने जाने अरुणपति त्रिपाठी से उनके संबंधों को लेकर लम्बी पूछताछ की जा चुकी है. अब देखना होगा कि भाजपा सांसद निशिंकात दुबे की इस ट्विट में कितनी सच्चाई है, या यह महज एक राजनीतिक छींटाकशी है.