Patna-भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के द्वारा क्षेत्रीय पार्टियों को देश का भार बताने और इस बात का एलान पर कि भाजपा अब भविष्य में इन क्षेत्रीय पार्टियों को अपने कंधे पर सवार कर सत्ता की मलाई नहीं खाने देगी. जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बड़ा पलटवार किया है.
अति पिछड़ा प्रकोष्ठ की बैठक में जेपी नड्डा को निशाने पर लेते हुए ललन सिंह ने कहा कि क्षेत्रीय पार्टियों को भार बताने वाले जेपी नड्डा को शायद भाजपा का इतिहास की जानकारी नहीं है, उन्हे क्षेत्रीय पार्टियों पर हमला करने से पहले भाजपा का इतिहास पढ़ कर अपडेट होने की जरुरत है. ललन सिंह ने सवाल आंकड़ों के साथ सवाल उठाते हुए पूछा कि 2005 विधान सभा चुनाव में भाजपा को 55 सीट तो जदयू को 88 सीट मिली थी. 2010 में जदयू 115 सीट पर कामयाब रही तो भाजपा के हिस्से 91 सीट आयी. इन आंकड़ों को देख कर कोई भी समझ सकता है कि कौन किसके कंधे पर सवार होकर अपना विस्तार कर रहा था.
नीतीश कुमार सूरज, थूकने बाद वापस पड़ेगा
ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार उगता सूरज हैं, जो भी थूकने की कोशिश करेगा, वह थूक उलटा उसी पर पड़ेगा. भाजपा के यह नहीं भूलना चाहिए कि कभी उससे अधिक सीट बिहार में लोजपा को आता था, आज लोजपा कहां खड़ा है. जिस मुकेश सहनी को साथ कर उसने राजनीतिक विस्तार किया. काम निकलते ही उसी मुकेश सहनी की पूरी पार्टी को तोड़ कर उसका अस्तित्व पर संकट खड़ा कर दिया.
हर राज्य में क्षेत्रीय दलों का इस्तेमाल करती रही भाजपा
ललन सिंह ने कहा कि बिहार की बात छोड़ भी दीजिये तो दूसरे प्रदेशों में भी भाजपा का यही हाल रहा हैं, कभी शिव सेना, अकाली दल और दूसरे सहयोगियों के साथ मिलकर जमीन तलाशती रही भाजपा को आज क्षेत्रीय पार्टियां भार नजर आने लगी है. जबकि सच्चाई यह कि अपनी राजनीतिक विस्तार के लिए भाजपा ने हमेशा से क्षेत्रीय दलों का साथ लिया है, और जमीन तैयार होती है सबसे पहले उसी दल को मटियामेट करने का षडयंत्र रचा है, अकाली दल से लेकर शिव सेना और जदयू के साथ उसका यही रवैया रहा है. यदि भाजपा को इन क्षेत्रीय दलों का साथ नहीं मिला होता तो आज भी यह दो सांसदों की पार्टी ही होती.