पटना(PATNA)- सूरत की एक निचली अदालत के फैसले बाद संसद की सदस्यता गंवा चुके राहुल गांधी को अब पटना का एमपी एमएलए कोर्ट की ओर से शरीर उपस्थित होने का फरमान सुनाया गया है. मानहानि से जुड़े एक और मामले में कोर्ट ने उन्हे 12 अप्रैल को उपस्थित होने का निर्देश दिया है.
सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों, पर आपत्ति
यहां बता दें कि यह मामला भी मोदी सरनेम को चोर बताने से जुड़ा हुआ है. भाजपा नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे सुशील मोदी ने मोदी सरनेम को चोर बताये जाने के बाद एमपी एमएलए कोर्ट में मामला दर्ज करवाया था. सुशील मोदी का दावा था कि राहुल गांधी के इस बयान से मोदी सरनेम वालों की मानहानि हुई है.
वर्ष 2019 में दर्ज करवाया गया था मामला
यहां यह भी बता दें कि वर्ष 2019 में इस मामले में राहुल गांधी कोर्ट में उपस्थित हुए थें, तब उनके जमानत दे दी गयी थी, जिसके बाद सुशील मोदी की गवाही हुई थी. लेकिन अब तक इस मामले में राहुल गांधी का बयान नहीं लिया गया है. अब कोर्ट ने उन्हे 12 अप्रैल को अपना बयान दर्ज करवाने का आदेश दिया है.
वैसे यहां यह भी बता दें कि मामले में राहुल गांधी के वकील अंशुल कुमार की ओर से दूसरी तारीख की मांग की जा सकती है. लेकिन इतना तय है कि राहुल गांधी को इस मामले में कोर्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज करवानी पड़ेगी.
राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद गर्म है देश की राजनीति
ध्यान रहे कि सूरत की निचली अदालत से फैसला आने के बाद राहुल गांधी की संसद की सदस्यता को खत्म कर दी गयी है, राहुल गांधी की सदस्यता का मामला अंतरराष्ट्रीय अखबारों की सुर्खिया बन चुकी है. कई लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से भी जोड़ कर देख रहे हैं, उनका दावा है कि मोदी सरकार आने के बाद देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गंभीर संकट खड़ा हो गया है.