Ranchi-आज अहले सुबह जब गोड्डा-देवघर वासियों की नींद खुली तोपहली खबर यह थी कि पटना से आईटी अधिकारियों की एक बड़ी टीम शहर में छापेमारी के लिए पहुंच चुकी है और उसके निशाने पर चारुशीला ट्रस्ट और जमीन-शराब के कारोबार से जुड़े शहर के चर्चित चेहरे हैं. इन चेहरों में गोड्डा से बड़ा कॉन्ट्रैक्टर मुकेश बजाज, देवघर से उमाशंकर सिंह, रियल एस्टेट कारोबारी संजय मालवीय, जमीन कारोबारी ब्रजेश राय और महेश लाठ जैसे कारोबारी है. इसके साथ ही नगर निगम देवघर के प्रथम मेयर राजनारायण खवाड़े उर्फ बबलू खवाड़े, पूर्व महापौर संजय आनंद झा के ठिकानों पर भी एक साथ छापेमारी की जा रही है.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के द्वारा जमीन घोटाले का लगाया जाता रहा है आरोप
दावा किया जा रहा है कि यह सभी छापेमारी झारखंड शराब घोटाला में गिरफ्तार योगेन्द्र तिवारी के खुलासे के बाद किया जा रहा है. ईडी के सवालों में उलझकर योगेन्द्र तिवारी ने ऐसे दर्जनों नामों का खुलासा कर दिया है, जिनके द्वारा झारखंड में एक से बढ़कर एक घोटालों को अंजाम दिया गया है.
यहां हम बता दें कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के द्वारा पहले से ही चारुशिला ट्रस्ट, फाइलेरिया कोठी, राय बंगला के आसपास की जमीनों को अवैध तरीके से खरीद बिक्री किये जाने आरोप लगाया जाता रहा है. उनका आरोप था कि जिस चारुशाला यानी नौलखा मंदिर ट्रस्ट को 1959 में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पब्लिक ट्रस्ट घोषित कर दिया गया था, उसी जमीन को 2022/23 के एलपीसी के आधार पर उपायुक्त देवघर मंजूनाथ भजंत्री की मिली भगत से बिक्री की जा रही थी. खुद बाबूलाल भी काफी अर्से से इस मामले को उठाते रहे थें. हालांकि तात्कालीन उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने इन सारे आरोपों का खंडन करने हुए यह दावा किया था कि उनके द्वारा चारुशाला की किसी भी जमीन का एलपीसी निर्गत नहीं किया गया है. लेकिन अब योगेन्द्र तिवारी की गिफ्तारी और आईटी की इंट्री को इसी नजरिये से देखने की कोशिश की जा रही है. और दावा किया जा रहा है कि यह सब कुछ योगेन्द्र तिवारी के द्वारा किये गये खुलासे का परिणाम है.