पटना(PATNA)-नये संसद भवन को उद्घाटन को लेकर देश में एक राजनीतिक बहस की शुरुआत हो चुकी है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों इसके उद्घाटन को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु का अपमान बता पहले ही देश की 19 पार्टियों ने कार्यक्रम का बहिष्कार की घोषणा कर दी है.
संसद भवन के निर्माण का आचित्य पर सवाल
इस बीच अब जदयू ने इस मामले में अग्निवीरों को पेंशन का मामला भी जोड़ दिया है. जनता दल यूनाइटेड के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार संसद भवन की उपयोगिता ही प्रश्न चिह्न खड़ा करते हुए कहा है कि जब देश में भंयकर गरीबी है, लोग बढ़ती महंगाई से हलकान है, तब इसके निर्माण पर करोड़ों की राशि खर्च करने का औचित्य क्या है? उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी के पास देश की सुरक्षा में लगे सीमा पर तैनात अग्निवीरों को देने को पेंशन के पैसे नहीं है, तो वहीं दूसरी तरह इस संसद भवन के निर्माण में करोड़ों रुपयों का अपव्यय किया गया है, यह तो देश के गरीबों का अपमान है. सरकारी फिजूलखर्ची का ज्वलंत उदाहरण है.
सरकार की प्राथमिकता पर सवाल
नीरज कुमार ने कहा कि याद कीजिये वह दिन जब पूरे देश में कोरोना के कारण तिल तिल कर मर रहे थें, सरकार के पास उनके इलाज की कोई व्यवस्था नहीं थी, लोग भगवान भरोसे जी रहे थें, लेकिन तब भी मोदी सरकार उन गरीबों का ख्याल करने के बजाय संसद भवन का निर्माण करवा रही थी, यह साबित करता है कि उनकी प्राथमिकता में आम जनता कहां है?
सैनिकों की तीसरी पीढ़ी को भी आरक्षण प्रदान कर रही है नीतीश सरकार, लेकिन इसमें मोदी सरकार कहां खड़ी है
नीतीश सरकार का सेना के जवानों के प्रति संवेदनशीलता का एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आज भी हमारी सरकार सैनिकों की तीसरी पीढ़ी को दो फीसदी क्षैतिज आरक्षण प्रदान कर रही है. यह है सेना के प्रति हमारी मनोभावना और उनके प्रति हमारा समर्पण, लेकिन भाजपा का संस्कार तो पुरखों का अपमानित करने का है. वे उनकी परवाह क्यों करेंगे? यह संस्कारों का फर्क है, हम अपने पुरखों का अपमान बर्दास्त नहीं किसी भी कीमत पर नहीं कर सकतें. जब भाजपा हमारे पुरखों को अपमानित कर रही हो, उस हालत में हमें इसके उद्घाटन समारोह में शामिल होना गंवारा नहीं है, यही कारण है कि हमने कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है.