Ranchi-सेना जमीन घोटाले में ईडी की कैद में दिन गुजार रहे निलंबित आईएएस छवि रंजन ने इस सच्चाई को स्वीकार कर लिया है कि सेना जमीन घोटाले का मुख्य किरदार विष्णु अग्रवाल के पैसे से उनके द्वारा गोवा का सफर किया गया था, टूर की पूरी व्यवस्था कारोबारी विष्णु अग्रवाल के द्वारा ही गयी थी, खाने पीने से लेकर हवाई जहाज के टिकट की व्यवस्था भी विष्णु अग्रवाल के द्वारा ही गयी थी. इसके साथ ही छवि रंजन ने इस बात को भी स्वीकार कर लिया है कि बाजरा मौजा की जमीन के मामले में उनके द्वारा फर्जी जमीन मालिकों के पक्ष में फैसला सुनाया गया था.
सेना को समन भेजने की तैयारी में ईडी
इस बीच इस जमीन घोटाले में सेना को भी समन भेजने की तैयारियों में जुटी हुई है. दरअसल ईडी की कोशिश अब इस जमीन से जुड़े उन सभी दावेदारों का पक्ष जानने की भी है, जिनके द्वारा सेना की इस जमीन पर अपना-अपना दावा किया जा रहा है. इसी कड़ी में ईडी अब सेना को भी समन भेजने की तैयारी कर रही है ताकि सेना से इस जमीन के बारे में उसके दावों की जानकारी हासिल की जा सके.
जमीन से जुड़े सभी पक्षकारों से पक्ष जानने की कोशिश
माना जा रहा है कि इस जमीन से जुड़े सभी पक्षकारों से पूछताछ के बाद ही इस बात का फैसला हो पायेगा कि जमीन का असली मालिक कौन है, और उसके द्वारा किस-किस को इस जमीन की बिक्री की गयी है. जब तक इसके असली मालिक की पहचान नहीं हो जाती है, उसके दावों की जांच नहीं हो जाती है, तब तक के लिए ईडी इस जमीन को जब्त कर सकती है, इसके साथ ही ईडी चेशायर होम की एक एकड़ की विवादित जमीन को भी जब्त करने की तैयारी में है.
दिलीप घोष तो दोबारा नोटिस भेजने की तैयारी
खबर यह भी है कि ईडी जगतबंधु टी इस्टेट को एक बार फिर से नोटिस भेजा जा सकता है और इसके मालिक दिलीप घोष इस बात की जानकारी हासिल करने की कोशिश की जायेगी कि उसके द्वारा किन परिस्थितियों में इस जमीन की खरीद की गयी. ध्यान रहे कि इसके पहले भी जगतबंधु टी इस्टेट के मालिक दिलीप घोष को समना जारी किया गया था, लेकिन दिलीप घोष नियत समय पर ईडी के सामने उपस्थित नहीं हुआ था.