पटना(PATNA)- सुल्तानगंज पुल को धवस्त होने के बहाने नीतीश सरकार को घेरने में जुटी भाजपा को जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा है कि जब आठ-आठ राज्यों ने इस कंपनी को ब्लैक लिस्टेट कर दिया था, तब भाजपा शासित राज्यों के द्वारा सिंगला कंपनी को 600 से लेकर 2700 करोड़ का टेंडर क्यों दिया गया? गुजरात में सिग्नेचर पुल और विक्रमशिला में इस कंपनी को टेंडर किसके शासन काल में दिया गया? किसके शासन काल में इस कंपनी को एनएचआई ने सम्मानित किया. आखिर क्या कारण है कि एनडीए की सरकार में इस कंपनी को 9 हजार करोड़ का काम दे दिया गया? कौन है इसका जिम्मेवार? क्या इसकी जिम्मेवारी भी नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर ही है. क्या भाजपा इसका जवाब देगी?
सुल्तानगंज पुल का टेंडर देते समय भाजपा भी सत्ता में हिस्सेदार थी
पप्पू यादव ने कहा कि भाजपा को यह याद रखना चाहिए कि सुल्तानगंज पुल निर्माण के लिए इस कंपनी को टेंडर जारी करते वह भी सरकार में शामिल थी, और यह कंपनी टेंडर भरने वाली एकलौती कंपनी थी. यदि भाजपा को कंपनी के क्रिया कलापों से कोई शिकायत थी, तब उसने यह सवाल उस समय खड़ा क्यों नहीं किया?
एनएचआई से इस्तीफे की मांग क्यों नहीं करती है भाजपा
उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार से इस्तीफे के बजाय भाजपा को इस्तीफा तो एनएचआई से मांगनी चाहिए, पिछले 17 वर्षों से बिहार में पीडब्ल्यू में मंत्री कौन था. इसके पहले भी पुल का एक हिस्सा टूट चुका था, तब उस समय के तात्कालीन पीडब्ल्यू मंत्री ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की, मंत्री तो भाजपा का ही था. एक साल में क्या इन्क्वायरी हुई? कंपनी को ब्लैक लिस्टेट क्यों नहीं किया गया? आज जब बिहार से सत्ता हाथ से खिसक चुकी है, तब विधायक संजीव कुमार की नींद खुल रही है. और वह पुल निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की भूमिका की जांच करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन जब भाजपा सत्ता में थी तब क्या उसे यह मालूम नहीं था कि इन्ही प्रत्यय अमृत ने बिहार को बाढ़ में डुबाया था? आखिर सत्ता गंवाने के बाद भाजपा की नींद क्यों खुल रही है? आखीर क्या कारण है कि भाजपा का कोई भी नेता अब तक सरजमीन पर क्यों नहीं गया, नीतीश सरकार से इस्तीफे की मांग करने वाली भाजपा सिंगला कंपनी का टेंडर रद्द करने की मांग क्यों नहीं कर रही, आखिर वह कंपनी को बचाना क्यों चाहती है? सिंगल कंपनी पर चुपी से उसकी नीयत पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
पुल निर्माण निगम भ्रष्टाचार की गंगोत्री
पप्पू यादव ने पुल निर्माण निगम को भ्रष्टाचार की गंगोत्री बताते हुए कहा कि सरकार को स्वतंत्र एजेंसी से इसकी जांच करवानी चाहिए, आखिर क्या कारण है कि बिहार में कोई भी पुल अपनी तय सीमा में बनाया नहीं जाता, हर बार उसकी राशि बढ़ाने की नौबत क्यों आती है.
पुल निर्माण का सारा पैसा कंपनी से वसुला जाय
सिंगला कंपनी को निशाने पर लेते हुए पप्पू यादव ने कहा कि इस कंपनी के पूरे क्रियाकलाप की जांच होनी चाहिए, इस पुल के निर्माण में अब तक लग चुके 1700 करोड़ की राशि भी उसी कंपनी से बसुली जानी चाहिए. जब आठ आठ राज्यों ने इस कंपनी को ब्लैक लिस्टेट कर दिया था, उसके बावजूद भी इस कंपनी को पटना में काम मिलना इस बात का साफ संकेत है कि तात्कालीन सरकार में कोई तो था जिसका इन्टरेस्ट इस कंपनी में था.