रांची(RANCHI): झारखंड में नक्सलियों से लोहा लेते हुए आदम साहस का परिचय देने वाले 12 आरक्षी को आउट ऑफ टर्म प्रमोशन दिया गया. 16 साल से अधिक सभी आरक्षी दरोगा बन कर काम किया. लेकिन झारखंड हाई कोर्ट के एकआदेश ने वापस से सभी 12 दरोगा को आरक्षी बना दिया है. दरअसल 02 जनवरी 2008 को सिमडेगा जिले बासंजोर ओपी पर नक्सलियों ने हमला किया था. इस दौरान सैकड़ों राउन्ड गोली चली थी. जिसमें सिमडेगा जिला बन के 12 जवानों ने वीरता के साथ नक्सलियों का जवाब दिया. जिसके बाद सभी को प्रमोट कर दिया गया.
लेकिन एक जवान अरुण कुमार को इससे बाहर रखा गया. जिसके बाद अरुण कुमार ने इस प्रमोशन को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी. उनका कहना था कि वह भी उस मुठभेड़ में शामिल थे. लेकिन उन्हे प्रोमोट नहीं किया गया. जिसके बाद कोर्ट में लंबे समय तक मामला चलता रहा. आखिरकार शुक्रवार को सुनवाई पूरी हुई. जिसमें कोर्ट ने माना की गाइड लाइन से हट कर सभी को प्रोमोट किया गया है. जो नहीं हो सकता है. झारखंड हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी का प्रमोशन को रेवर्ट किया जाए. झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी करते हुए सभी के प्रमोशन को वापस कर दिया गया. सभी वापस से सिपाही बन गए है.
बता दें कि 02 जनवरी 2008 को सिमडेगा जिले के बासंजोरओपी पर करीब सैकड़ों की संख्या में हथियार बंद नक्सली पहुंचे थे. थाना पर पहुंचने के साथ ही गोलियां चालानी शुरू कर दी थी. बताया जाता है कि नक्सलियों ने 500 राउन्ड से अधिक गोली चलाई थी. इस बीच रास्ते में जा रही बस पर भी हमला हुआ था. रास्ते में पेड़ को गिरा दिया था. जिससे बैकअप में फोर्स नहीं पहुँच सके. लेकिन कुछ सिपाहियों ने उनका मुहतोड़ जवाब दिया था. देखिए लिस्ट जिन्हे बनाया गया वापस से सिपाही