पटना(PATNA)- डीएम जी कृष्णैया मामले में 16 वर्षों की जेल की सजा काट चुके पूर्व राजनीतिक और बिहार के डॉन माने जाने वाले आनन्द मोहन ने कहा है कि यह देश किसी के बाप का नहीं है. इस हिन्दूस्तान को सबों के खून से सींचा गया गया है, सभी धर्मों जातियों के सहयोग से इसे बनाया गया है. हमारा किताब भारत का संविधान है, और इस संविधान पर हमें पूर्ण विश्वास है, मैं एक सिद्धांत की लड़ाई लड़ने वाला इंसान हूं, और आगे भी अपनी लड़ाई लड़ता रहूंगा.
बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा के अनावरण पर मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थें आनन्द मोहन
दरअसल डीएम जी कृष्णैया मामले में जेल में बंद आनन्द मोहन को हाल ही में बिहार सरकार के जेल मैन्युअल में संशोधन कर छोड़ा गया है. रिहाई के बाद आनन्द मोहन पहली बार किसी सार्वजनिक सभा का हिस्सा बने थेँ और फारबिसंगज के फैंसी मार्केट में बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थें.
भाजपा को संदेश! लोकतंत्र के सम्मान के लिए गये थें जेल
आनन्द मोहन ने दावा किया कि वह जेल महज लोकतंत्र के सम्मान में गये थें, इस मामले में पूरी तरह से निर्दोष हैं, यूं पल-पल मारना और जलील करने से तो अच्छा है कि आप मुझे बेहिचक गोली मार दें. यदि इसके बाद भी आपको विश्वास नहीं है तो आप भाजपा के लालकृष्ण आडवाणीऔर नवीन पटनायक से मेरे बारे में जानकारी प्राप्त कीजिये, कि मैं क्या चीज हूं.
भाजपा नेताओं ने आनन्द मोहन से बनायी दूरी
हालांकि इस अवसर पर भाजपा सांसद प्रदीप सिंह और विधायक मंचन केसरी समेत कई भाजपा नेताओं की भी मौजदूगी थी, लेकिन भाजपा नेताओं के द्वारा आनन्द मोहन से दूरी बना ली गयी. उनके द्वारा मंच साझा करने से इंकार कर दिया गया. भाजपा के तमाम नेता बाबू कुंवर सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर चलते बने. जिसके बाद आनन्द मोहन ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि आपको मुझ पर यकीन नहीं है तो लालकृष्ण आडवाणी से मेरे बारे में जानकारी प्राप्त कीजिये कि मैं क्या चीज हूं, किसी साजिश का हिस्सा मत बनिए. आज तक मेरे साथ जो कुछ भी हुआ है, वह एक राजनीतिक एजेंडे के कारण हुआ है. राजनीतिक हथकंडा अपनाकर मुझे जेल भेजा गया था. इस पूर्व सांसद और आनन्द मोहन की पत्नी लवली आनन्द ने कहा कि जिस प्रकार से किसी निर्दोष की हत्या गलत है, उसी प्रकार किसी निर्दोष को जेल भेजना भी गलत है. आनन्द मोहन डीएम जी कृष्णैया मामले में पूरी तरह से निर्दोष हैं.