पटना(PATNA)-चाचा पशुपति कुमार पारस के द्वारा हाजीपुर संसदीय सीट पर अपनी दावेदारी जताने और पांच सीटों से कम पर किसी भी प्रकार से समझौता करने से इंकार करने की घोषणा के बाद अब चिराग पासवान भी भाजपा को उलझन में फंसाते दिख रहे हैं. चिराग पासवान के कहा है कि 18 जुलाई की एनडीए की बैठक में शामिल होना या नहीं, पार्टी में अब तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है. इस बारे में उचित फोरम पर चर्चा के बाद ही निर्णय लिया जायेगा. हालांकि चिराग पासवान ने यह जरुर कहा कि लोजपा एनडीए का एक अहम हिस्सा रहा है, और उन्हे बैठक में शामिल होने का आमंत्रण मिल चुका है.
भतीजे चिराग के खिलाफ पशुपति नाथ पारस का मोर्चा
ध्यान रहे कि चिराग पासवान को एनडीए की बैठक में शामिल होने की खबर मिलते ही चाचा पशुपति नाथ पारस ने मोर्चा खोल दिया है, उन्होंने कहा है कि पारस गुट किसी भी कीमत पर हाजीपुर सीट को छोड़ने नहीं जा रही है, इसके साथ ही वह पांच सीटों से कम पर कोई समझौता भी नहीं करेगी.
हाजीपुर संसदीय सीट पर अड़े हैं चिराग
यहां बता दें कि चिराग पासवान हाजीपुर संसदीय सीट पर अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं है, इसके साथ ही उनके द्वारा लोकसभा की पांच सीट और राज्य सभा की एक सीट की मांग की जा रही है. यही कारण है कि हाजीपुर सीट को लेकर चाचा भतीजे की इस लड़ाई में भाजपा का गणित उलझता जा रहा है, यदि वह चिराग पासवान की मांग को स्वीकार करता है तो पशुपति नाथ पारस एनडीए का दामन छोड़ सकते हैं, और यदि पशुपति नाथ पारस को हाजीपुर सीट दे दी जाती है तो चिराग महागठबंधन की राह पकड़ सकते हैं.
दोनों खेमों को खुश करना चाहती है भाजपा
यही कारण है कि दोनों ही खेमों की ओर से भाजपा पर अपना दवाब बनाया जा रहा है, और इधर भाजपा दोनों ही खेमों को अपने साथ रखना चाहती है, हालांकि भाजपा चिराग पासवान की कीमत पर पशुपति नाथ पारस को अपने साथ रखने के मुड में नहीं है.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा
इस बीच केन्द्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा है, चिराग पासवान केन्द्रीय मंत्रिमंडल से चाचा पशुपति नाथ की विदाई चाहते हैं, चाचा की विदाई के पहले वह मंत्री बनने को तैयार नहीं है. यही कारण है कि बार बार उनके द्वारा महागठबंधन के साथ हाथ मिलाने की खबरें भी आती रहती है. खुद राजद सुप्रीमो लालू यादव ने भी चिराग को महागठबंधन में शामिल होने का ऑफर प्रदान कर दिया है.