पटना(PATNA); पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रधान मंत्री मोदी की शान में कसीदे पढ़ते हुए सीएम नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि देश बदल गया, देश की सोच बदली गयी है, लोगों की आस्था का केन्द्र बिन्दु बनकर पीएम मोदी सामने आये हैं, लेकिन सीएम नीतीश की सोच में बदलाव नहीं आ रहा है, उनके अन्दर प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा हिलोरें मार रही है और इधर उनकी ही पार्टी में भगदड़ मची हुई है, नेता इधर-उधर भागने की जुगत लगा रहे हैं, पार्टी और संगठन पर उनकी पकड़ दिन पर दिन कमजोर पड़ती जा रही है, बावजूद इसके नीतीश कुमार देवगौड़ा और इन्द्रकुमार गुजराल की तरह पीएम बनने का हसीन सपने पाल रहे हैं.
हंगामा क्यों बरपा
यहां बता दें कि कल ही भाकपा माले के अधिवेशन में नीतीश कुमार ने कांग्रेस को जल्द से जल्द सभी विपक्षी पार्टियों को एकजूट कर 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरु करने की सलाह दी थी, उन्होंने कहा था कि यदि हम मिल जुलकर लड़ें तो भाजपा के लिए 100 सीटें भी हासिल करना मुश्किल होने वाला है.
इसके साथ बाद में तेजस्वी यादव ने कांग्रेस को ड्राइविंग सीट विपक्षी दलों को सौंप देने की सलाह दे डाली. तेजस्वी के इस बयान को नीतीश कुमार से जोड़ कर देखा जाने लगा, माना जा रहा है कि तेजस्वी की कोशिश सीएम नीतीश कुमार को पीएम पद का चेहरा बनाने की है.
लालू प्रसाद ने नीतीश के दिमाग में बोया पीएम बनने का फितूर
अब इस बयान के बाद पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मोर्चा खोल दिया है. इसके साथ ही दूसरा मोर्चा केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी खोला है, गिरिराज सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार के दिमाग में पीएम पद का फितूर लालू प्रसाद यादव ने बोया है. लालू यादव की कोशिश नीतीश कुमार को बिहार से बाहर भेजने की है, जिससे उनके बेटे की ताजपोशी हो सके.
रविशंकर प्रसाद और गिरिराज सिंह की आक्रामकता का राज
सवाल यह है कि रविशंकर प्रसाद और गिरिराज सिंह अचानक से नीतीश कुमार के खिलाफ इतने आक्रामक क्यों नजर आ रहे हैं? दोनों के बयान के बाद राजनीतिक गलियारे में चर्चा यह भी है कि 2024 के पहले केन्द्रीय मंत्रिमंडल का एक और विस्तार होने वाला है, साथ ही कई वर्तमान मंत्रियों की छुट्टी होने वाली है, भाजपा के द्वारा संभावित चेहरों की पहचान की जा रही है, इस बात का भी आकलन किया जा रहा है कि किन-किन चेहरों को केन्द्रीय मंत्रिमंडल से हटाना बेहतर होगा. यह पूरी राजनीति इसी बात को लेकर हो रही है.
केन्द्रीय नेतृत्व के गुडफेथ में आने की अकुलाहट
रविशंकर प्रसाद के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का अंतिम अवसर है, फिलहाल बिहार से केन्द्रीय मंत्रिमंडल में कोई बड़ा कायस्थ चेहरा नहीं है, साथ ही नीतीश और लालू के गठबंधन के भाजपा की जमीन पतली हुई है, यही समय मुफीद है, जब केन्द्रीय नेतृत्व के गुडफेथ में आया जाय, यही हालत गिरिराज सिंह की भी, उनका मंत्रिपद भी दांव पर लगा है, यही कारण है कि दोनों के द्वारा मौका मिलते ही पीएम मोदी का गुणगान करने का कोई अवसर नहीं छोड़ा जा रहा है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार
4+