चतरा (CHATRA): शहर के गंदौरी मंदिर में सुहागिनों के द्वारा जलाये जा रहे अगरबत्ती से वट वृक्ष में आग लगने की खबर आयी है, बताया जा रहा है कि वट सावित्री पूजा के उपलक्ष्य में बड़ी संख्या में सुहागिनें वट वृक्ष को पूजा करने जुटी थी, इन सुहागिनों की अगरबत्ती से वट वृक्ष में लपेटा गया मौली लागे में आग लग गयी, जब तक महिलाएं कुछ समक्ष पाती तब तक आग भयानक रुप ले चुका था, जिसकी जद में पूरा बरगद का पेड़ आ गया और वह धू धू कर जल उठा.
वट वृक्ष में आग लगने की खबर फैलते देर नहीं लगी और ग्रामीण आग पर काबू पाने के लिए दौड़ पड़े, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और आग विकराल रुप ग्रहण कर चुका था, बावजूद इसके ग्रामीणों ने हिम्मत नहीं हारा, और निकटवर्ती कुएं से पानी निकाल निकाल बुझाने की कोशिश की जाने लगी. काफी मशक्कत के बाद आखिरकार उस पर काबू पाया गया.
ध्यान रहे कि वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाएं के द्वारा अपने अपने पति की दीर्घायु के लिए रखा जाता है और भगवान से सती सावित्री जैसा अखंड सौभाग्य की कामना की जाती है. कुछ स्थानों पर कुंवारी कन्याएं भी मनचाहा वर पाने के लिए इस व्रत को करती हैं. ज्येष्ठ मास की अमावस्या को यह व्रत किया जाता. वट सावित्री व्रत सौभाग्य को देने वाला और संतान की प्राप्ति में सहायता देने वाला व्रत माना गया है. भारतीय संस्कृति में यह व्रत आदर्श नारीत्व का प्रतीक है. इस व्रत की तिथि को लेकर भिन्न मत हैं. स्कंद पुराण तथा भविष्योत्तर पुराण के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को यह व्रत करने का विधान है, वहीं निर्णयामृत आदि के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या को व्रत करने की बात कही गई है.
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