Ranchi-भाजपा-आजसू के साथ ही इंडिया गठंबधन के द्वारा भी अल्पसंख्यक चेहरों से किनारा करना सियासी मुद्दा बनता दिखने लगा है और इस मामले में टाईगर जयराम की पार्टी “झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा” पूरी तरह से हमलावर दिख रही है. टाईगर जयराम का खास चेहरा माने जाने वाले क्रांतिकारी रिजवान ने दावा किया है कि इतिहास में पहली बार धनबाद लोकसभा से किसी अल्पसंख्यक को संसद जाने का रास्ता सामने है. विकल्प खुला है. अब यह फैसला पिछड़े, दलितों के साथ ही अल्पसंख्यक समाज को लेना है कि वक्त की नजाकत और सियासी परिस्थितियों को सामने रख सही सियासी फैसला करें. क्योंकि यदि इस बार वह चूक गयें तो फिर इतिहास उन्हें बार बार यही जख्म देगा. फैसला इतना दुरुस्त हो कि भविष्य में कोई भी सियासी दल दलित-पिछड़े और अल्पसंख्यक समाज के हितों की हकमारी करने के पहले सौ बार सोचे.
यह सिर्फ इकलाख अंसारी की लड़ाई नहीं
यह सिर्फ इकलाख अंसारी की लड़ाई नहीं है, टाईगर जयराम का सपना नहीं है, अल्पसंख्यक समाज की लडाई नहीं है, यह तो तमाम पिछड़ों दलितों की लड़ाई है, उनकी सियासी सामाजिक हिस्सेदारी की लड़ाई है.अपनी हिस्सेदारी को पूरा करने का अवसर है. खास कर अल्पसंख्यक समाज को यह तय करना होगा कि उसे किस रास्ते चलना है, जब सारी सियासी दलों नें अपने-अपने दरवाजे अल्पसंख्यक समाज के लिए बंद कर दिये थें, उस हालत में टाईगर जयराम ने एक जोखिम लिया, अल्पसंख्यक समाज को प्रतिनिधित्व का अवसर प्रदान किया, यह अवसर चुकना नहीं चाहिए.
आदिवासी-मूलवासी चेहरे से कांग्रेस का किनारा क्यों?
क्रांतिकारी रिजवान ने इसके साथ ही कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पूछा कि यदि वह किसी अल्पसंख्यक को अपना चेहरा नहीं बनाना चाहती थी तो जलेश्वर महतो के चेहरे के क्या परेशानी थी, आखिर कांग्रेस ने जलेश्वर महतो का पत्ता साफ क्यों किया? जबकि जलेश्वर महतो भी ढुल्लू महतो जैसा ही एक खांटी झारखंडी चेहरा था. ढुल्लू महतो के सामने यदि कांग्रेस ने एक झारखंडी चेहरा उतारा होता. आदिवासी-मूलवासी को अपना प्रत्याशी बनाया होता, तब तो बात समझ में आती, लेकिन कांग्रेस ने तो एक डमी कैंडिडेट उतार कर भाजपा का रास्ता साफ करने की चाल चली. बेरमो से एक गृहणी को सामने लाकर धनबाद की छाती पर बिठाने की साजिश की. आदिवासी-मूलवासियों की हकमारी का सपना पाला. लेकिन धनबाद का आदिवासी-मूलवासी समाज इस साजिश को कामयाब नहीं होने देगा. उसके सामने टाईगर जयराम ने एक खांटी झारखंडी चेहरा को सामने लाकर विकल्प खोल दिया है.
आप इसे भी पढ़ सकते हैं
“कालीचरण के साथ भगवान बिरसा का आशीर्वाद” खूंटी से सीएम चंपाई की हुंकार, आदिवासी विरोधी है भाजपा
LS Poll Ranchi-संजय सेठ की पारी पर यशस्विनी का विराम! तीन लाख अतिरिक्त मतों का जुगाड़ करने की चुनौती
पश्चिमी सिंहभूम में ईचा बांध को लेकर आदिवासी समाज में आक्रोश! जोबा की डूबेगी नैया या गीता पर संकट
4+