टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : नए साल के स्वागत के लिए छोटा नागपुर की रानी कहा जाने वाला नेतरहाट आपको बुला रही है. नेतरहाट को छोटा नागपुर की रानी के साथ-साथ छोटा कश्मीर ही माना जाता है. नेतरहाट रांची के पश्चिम में लगभग 156 किमी और डाल्टनगंज से 210 किमी की दूरी पर स्थित है. यहां की वादियां में कई राज और कहानियां छूपे हैं. बहुत कम लोगों को उस जगह के बारे में पता है. लेकिन जिसे भी इस खूबसूरत जगह का पता चलता है वो इसके पास खींचा चला आता है. यहां आकर लोगों को मन की शांति मिलती है. यहां का मौसम कुछ ऐसा रहता है कि आप साल के किसी भी समय अपने परिवार और दोस्तों के साथ पहुंच सकते हैं. हालांकि यह जगह गर्मियों के मौसम में अपने सूर्यास्त और सूर्योदय के लिए जानी जाती है.
नेतरहाट को छोटा काश्मीर भी कहा जाता है
नेतरहाट का मौसम बड़ा अनोखा है. यहां हल्के बादल आते ही बारिश होने लगती है. हसीन वादियों और सूर्यास्त के लिए नेतरहाट मशहूर है. जिसको देखने के लिए विदेशी पर्यटक आते हैं. इसकी समुद्री तल से 3761 फीट की ऊंचाई पर बसे नेतरहाट खूबसूरती बरसात की माह भादो में देखते ही बनती है. अचानक कहीं से धुंध का गुबार आता है. देखते ही देखते पूरा नेतरहाट को ढक लेता है और बारिश शुरू होने लगती है.
कब आते हैं पर्यटक घूमने
यहां के खूबसूरती का नजारा देखने के लिए लोग वैसे तो सालों भर आते हैं. लेकिन नवंबर, दिसंबर और जनवरी में यहां पर्यटकों की भीड़ देखने को बनती है. यहां के होटलों में नवंबर से ही कमरा फुल रहता है. रहने के लिए होटलों की बात करें तो यहां टेन्ट रूम से लेकर पूल रिसॉट तक है. जहां रहने के लिए आप रूम की ऑनलाइन बुकिंग भी कर सकते हैं.
नेतरहाट में देखने योग्य कौन-कौन सी जगह
1. नेतरहाट आवासीय विद्यालय
नेतरहाट आवासीय विद्यालय भारत के नेतरहाट में स्थित एक विद्यालय है. स्कूल के पास साल दर साल बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड के टॉपर्स देने का रिकॉर्ड है. नेतरहाट अपने आवासीय विद्यालय के नाम से भी जाना-पहचाना जाता है. नेतरहाट स्कूल लातेहार जिला ही नहीं पूरे झारखंड की शान है.
2. मंगोलिया पॉइंट की प्रेम कहानी
नेतरहाट को प्राकृतिक ने बहुत फुर्सत से प्यार किया है. नेतरहाट पश्चिमी से 10 मीटर की दूरी पर मंगोलिया पॉइंट है. यानी सूर्यास्त होने का मनोरम दृश्य देखने को मिलता है. बात उस समय की है जब भारत में अंग्रेज शासन था. अंग्रेज गवर्नर नेचर हस यहां विश्राम और शेर सपाटा ख्याल से आते थे. वह शिकार के भी ज्यादा शौकीन भी थे जब उनकी पुत्री अपने पिता से के विपरीत थी, उसी जंगली जानवर वहां के लोग काफी पसंद थे. वह भी घोड़े पर सवार होकर जंगल घूमने जाती थी. आने जाने के क्रम में उसकी मुलाकात एक चरवाहे से हुई जो बहुत अच्छा बांसुरी बजा लेता था. मंगोलिया बराबर चौराहे के पास आती थी और उसके बांसुरी की लुभावनी सुरीली ध्वनी सुनते सुनते एक दिन उससे प्रेम कर बैठी. दोनों का प्यार परवान चढ़ गया. इसकी प्यार की भनक अंग्रेज की बेटी के पिता को लगी और जैसे ही अंग्रेज ने यह बात जाना तो चरवाहे की हत्या करवा दी. इसकी जानकारी पर मंगोलिया ने खाना पीना छोड़ दिया. कुछ दिन के बाद मंगोलिया ने अपनी घोड़े से रोज उस जगह पर जाते लगी और चरवाहे के प्यार में पागल मंगोलिया प्रतिदिन सूर्यास्त का नजारा देखा करता थी. एक दिन मंगोलिया अपने आप पर काबू नहीं पा सकी और अपने प्रेम की याद में घोड़े के साथ खाई में कूद गई. तभी से इस सूर्यास्त देखने वाली जहग का नाम मंगलिया पॉइंट रख दिया गया. नेतरहाट पहुंचने वाले लोग मंगलिया पॉइंट ज़रूर पहुंचते हैं. और यहां आकर वह सनसेट पॉइंट का आनंद उठाते हैं.
3. निचला घाघरी फॉल
निचले घाघरी झरना नेतरहाट के प्रमुख पर्यटन आकर्षणों में से एक है. अगर आप नेतरहाट यात्रा पर हैं तो ज़रूर निचला घाघरी फॉल घूमने पहुंचे. निचले घाघरी झरने घने जंगल के बीचो बीच स्थित है. यहां आपको 32 फीट से गिरता झरना देखने को मिलेगा, जिसे देख कर आप मोहित हो जाएंगे. इस झरने के दोनों किन्रारों पर पेड़ लगे हुए हैं. जो इसे और भी ज्यादा खूबसूरत बनाते हैं. लोअर घाघरी झरने नेतरहाट से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित है. बता दें कि लोअर घाघरी झरने से एक किलोमिटर की दूरी पर नाशपति के खेत भी देखने को मिलते हैं.
4. ऊपरी घाघरी फॉल
ऊपरी घाघरी झरने नेतरहाट का दूसरा बड़ा आकर्षण हैं. यह झरने हरी भरी घाटी के बीच आकाश के नीचे स्थित एक बहुत खूबसूरत जगह है. यहां आपको जरुर आना चाहिए. यह जगह नेतरहाट से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
5. चीड़ के जंगल/पाइन फोरेस्ट
नेतरहाट में चीड़ के जंगल हैं. यहां आप एडवेंचर ट्रेकिंग का भरपूर मजा ले सकते हैं. पाइन वन आपको किसी विदेश या कश्मीर की याद ज़रूर दिलाएगा. नेतरहाट में सबसे अच्छी तस्वीरें इसी जगह आती हैं. यहां का प्राकृतिक वातावरण बेहद शांत और मनोरम है. इस जगह मौसम ज्यादातर ठंडा रहता है जो शहर की तुलना में काफी सुखद महसूस कराता है. यह जगह कुछ साल पहले तक गवर्नर का स्थायी ग्रीष्मकालीन स्टेशन हुआ करता था.
रांची से कैसे जाए नेतरहाट
नेतरहाट पहुंचने के लिए आपको पहले रांची पहुंचना होगा. नेतरहाट क्षेत्र का जुड़ाव अभी तक रेल मार्ग से नहीं किया गया है. रांची से नेतरहाट आप बड़े आराम से पहुंच सकते हैं. रांची से इस पर्यटन स्थल के लिए राज्य द्वारा संचालित और निजी बसें भी उपलब्ध हैं. चाहे को बस, ट्रेन या फिर गाड़ी से भी आप नेतरहाट आ सकते हैं. नेतरहाट रांची से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. अगर आप ट्रेन से नेतरहाट की यात्रा करने की योजना बना रहें हैं तो, बता दें कि यहां का प्रमुख निकटतम रेलवे स्टेशन रांची रेलवे स्टेशन है. जो नेतरहाट से 154 किमी दूर है. यहां से आप अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए टैक्सी या बस कि मदद ले सकते हैं.
रिपोर्ट : सतीश कुमार गुप्ता, लातेहार
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