टीएनपी डेस्क : हल्की सर्द हवाएं और रिमझिम गिरता बारिश का मौसम बड़ा सुहाना होता है. टिप टिप बरसती बारिश के बूंदों के बीच मौसम का मजा हर कोई लेना चाहता है. बारिश के मौसम में प्राकृतिक सुंदरता के नज़ारे और भी मनमोहक हो जाती है. झारखंड कि राजधानी रांची इन्हीं सुंदर नज़ारों से लबरेज है. यहां के पहाड़ों पर बादलों का उतरना और झरनों से पानी के गिरने की आवाज आपका मन मोह लें. इन्हीं नज़ारों में से एक है रांची का दशम फॉल. जहां का नजारा आप बार बार भी देख लें तो भी आपका मन न भरे. ऐसे मौसम में दशम फॉल के नज़ारों का मजा अगर आप भी उठाना चाहते हैं तो फिर देर किस बात की. तो फिर आपको बताते हैं इसकी खूबसूरती के बारे में.
रांची का प्रसिद्ध प्राकृतिक आकर्षण : दशम फॉल
रांची से लगभग 40 किलोमीटर दूर तैमारा गांव के पास स्थित दशम फॉल, राजधानी रांची का प्रसिद्ध जलप्रपात है. अपने खूबसूरत प्राकृतिक नज़ारों के लिए प्रसिद्ध दशम फॉल, कांची नदी पर स्थित है. 144 फिट की ऊंचाई से इस जलप्रपात से पानी कि 10 धाराएं गिरने के कारण इसे दशम फॉल का नाम दिया गया. चारों और से हरे भरे पेड़ व पहाड़ियों से घिरे इस जलप्रपात की सुंदरता पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है. यहां आने के बाद हर कोई इसकी प्राकृतिक सुंदरता में खो जाता है. यह जलप्रपात पिकनिक स्पॉट के लिए भी काफी मशहूर है. पिकनिक के साथ साथ यह फोटोग्राफी के लिए भी एक बढ़िया टुरिस्ट स्पॉट है. घने बादलों के बीच पहाड़ के सुंदर नज़ारे आपको मंत्रमुग्ध कर देंगें.
कैसे पहुंचे दशम फॉल
किसी भी साधन का उपयोग कर आप दशम फॉल आसानी से पहुंच सकते हैं. बाहर से रांची आने वाले पर्यटक एयरप्लेन से रांची बिरसा मुंडा एयरपोर्ट तक आ सकते हैं. रांची बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से दशम फॉल से लगभग 45 किमी दूर स्थित है. जिसके बाद एयरपोर्ट से आप टैक्सी या निजी वाहन से फॉल तक पहुंच सकते हैं. अगर आप रेल मार्ग से आना चाहते हैं तो रांची स्टेशन से आप टैक्सी, बस या निजी वाहन के माध्यम से दशम फॉल तक पहुंच सकते हैं. रांची वाले पर्यटक सड़क मार्ग द्वारा भी आसानी से यहां पहुंच सकते हैं. रांची से दशम फॉल के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं, या फिर आप निजी वाहन और टैक्सी का भी उपयोग कर सकते हैं. दशम फॉल जाने वाले रास्ते भी काफी मनमोहक होते हैं, जो आपके 40 किमी लंबे सफर को और मनमोहक बना देंगे.
इन बातों का रखे ख्याल
जलप्रपात पहुंचने के बाद खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है. जैसे कि, बारिश के मौसम में पहाड़ों पर फिसलन हो जाती है. इसलिए उनपर चढ़ते वक्त ध्यान दें या फिर न ही चढ़ें. साथ ही बारिश के वक्त झरने का बहाव तेज होता है तो उसके सामने से बचें. ऐसे में दूर से ही नज़ारों का मजा लें.
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