पश्चिम बंगाल के अयोध्या पहाड़ पर प्रभु राम ने किया था ढाई दिनों तक वास! पढ़ें सीता कुंड का इतिहास जहां माता सीता ने बुझाई थी प्यास  

आपको बताये कि सीता कुंड में कभी भी पानी कम नहीं होता है और यहां का पानी कभी सूखता नहीं है. हर साल बुद्ध पूर्णिमा के दिन जनजाति से शिकारी सैकड़ो की तादाद में सीता कुंड पहुंचते हैं, और इस कुंड के पानी को ग्रहण करते हैं. यहां स्थित राम मंदिर में 365 दिन दीप प्रज्वलित रहता है. प्रभु श्रीराम की पूजा अर्चना होती है, वहीं अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर इस मंदिर मे सुबह से ही प्रभु श्री राम की पूजा के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है.पुरे मंदिर परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया है

पश्चिम बंगाल के अयोध्या पहाड़ पर प्रभु राम ने किया था ढाई दिनों तक वास! पढ़ें सीता कुंड का इतिहास जहां माता सीता ने बुझाई थी प्यास