टीएनपी डेस्क(TNP DESK): हमारे देश में बहुत सारे खूबसूरत पर्यटक स्थल है, जहां सैलानी अपने पूरे परिवार के साथ छुट्टी मनाने जाते हैं, और एंजॉय करते हैं, लेकिन बात झारखंड की हो, तो इससे ज्यादा खूबसूरत राज्य शायद ही कोई दूसरा होगा.क्योंकि यह चारों ओर से ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों और सुंदर झरनों से घिरा हुआ है. जिसको प्रकृति की ओर से विशेष वरदान मिला है. झारखंड में हजारों पर्यटक स्थल है, जहां जाकर आप अपने को प्रकृति के नजदीक महसूस करेंगे. इन्ही में से एक है पश्चिम सिंहभूम मुख्यालय से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सारंडा वन. जिसको देखना एक अनोखा रोमांच है.
700 से ज्यादा पहाड़ियों से घिरे वन की पहचान एशिया में शाल के पेड़ों के लिए होती है
सारंडा का वन दूर से भले ही खामोशी में डूबा नजर आता है, लेकिन जब आप इसके नजदीक जाकर इसकी खूबसूरती को निहारते है, तो आपको हरियाली और खूबसूरती का बेजोड़ मेल देखने को मिलता है. विहंगम 700 से ज्यादा पहाड़ियों से घिरे इस वन की पहचान पूरे एशिया में शाल के पेड़ों के लिए जाना जाता है. इसके साथ ही इस जंगल में आम, जामून और पलास के पेड़ में भी मौजूद है. ऊंची, छायादार और फलों से लदे इस वन में इतने पेड़ मौजूद हैं कि सूरज की किरणें इस जंगल को छू नहीं पाती है. वहीं इस वन में मौजूद पलास के पेड़ जब हवा की छूअन से डोलते हैं, तो उनके झड़े फूल से पूरी धरती लाल हो जाती है, ऐसा लगता है, मानो प्रकृति ने लोगों के स्वागत के लिए लाल कालीन बिछा दी हो. यहां आकर निश्चित ही कोई भी आम इंसान किसी सुपरस्टार की तरह महसूस करता है.
टेढ़े-मेढ़े और घुमावदार रास्ते आपको कर देंगे रोमांचित
वहीं आपको बता दें कि सारंडा वन की रोमांचक और खूबसूरत यात्रा गुआ की हाथी चौक से शुरू होती है. जहां से लोग टेढ़े-मेढ़े और घुमावदार रास्ते से होकर 15 किलोमीटर की रोमांचक यात्रा का आनंद लेते हुए किरीबुरू पहुंच जाते है.वहीं इसके आगे जाने के लिए किरीबुरू में वन विभाग की ओर से आज्ञा लेने की जरुरत पड़ती है, यदि वन विभाग की परमिशन मिल जाती है, तो ही आप आग वन में जा सकते है. वहीं जैसे ही आप सारंडा के वन की ओर बढ़ते है, तो नदियों और झरनों को पास से देखने का सुखद अनुभूति होती है. आपको ऐसा महसूस है, तो जैसे आप प्रकृति की गोद में बैठ गये है. बढ़ते प्रदूषण के जमाने में आपको स्वच्छ वातावरण में समय बिताने का समय मिलता है.
पुरानी मान्यता है कि यहां लोग मछली नहीं मारते हैं
वहीं सारंडा वन को प्रकृति की ओर से झरनों का विशेष उपहार मिला है, यहां लगभग 10 खूबसूरत झरने है. जो निरंतर बिना रुके आगे बढ़ते रहते है. जिसमें पहले नंबर पर आता है. टाईबो झरना. ये झरना थलकोबाद से 10 किलोमीटर की दूरी पर है. जो वहां घूमने आनेवाले सैलानियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है. इस झरने से सालों भर ऊंचाई से पानी गिरता रहता है. वहीं इस झरने में मछलियां काफी संख्या में पाई जाती है. वहीं पुरानी मान्यता है कि यहां लोग मछली नहीं मारते हैं.
झींगरा फॉल, पंचेरी फॉल, रानी डूबा झरना और बाहुबली झरना ओर आकर्षित करते है
झाटीसरिंग झरना: सारंडा वन का ये झरना किरीबुरू से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जो आकार में तो छोटा दिखता हैस, लेकिन प्रकृति से प्यार करनेवाले लोग इसके आसपास बैठ कर खाने का आनंद लेते है. वहीं वन विभाग की ओर से झरना पर चेक डैम बनवाया गया है. जहां लोग नौका विहार करते हैं. वहीं इसके साथ ही झींगरा फॉल, पंचेरी फॉल पुंडुल फॉल, रानी डूबा झरना और बाहुबली झरना लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.
झारखंड का सबसे बड़ा और घना जंगल है सारंडा वन
वहीं आपको बता दें कि ये झारखंड का सबसे बड़ा और घना जंगल है. प्रकृति की नजर से ये जितना खूबसूरत है, उतना ही खतरनाक भी है, क्योंकि इस जंगल में जंगली हाथी, तेंदुए और कई खतरनाक जानवर भी पाये जाते हैं. लेकिन क्योंकि इसको पर्यटक स्थल के रुप में पूर्ण विकास किया जा चुका है, तो वन विभाग की ओर से विशेष ध्यान रखा जाता है, कि लोग जंगल में खतरनाक क्षेत्र में प्रवेश नहीं करें
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