गुमला(GUMLA):झारखंड के गुमला जिला स्थित नागवंशी राजाओं की राजधानी सिसई प्रखंड में स्थित नवरत्न गढ़ को बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया था.जिसके बाद लगातार इसके विकास को लेकर तेजी से काम किया जा रहा है. जिसके बाद ये स्थल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने न केवल गांव के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने को लेकर पहल किया है बल्कि देश के दूरराज के इलाकों में मौजूद ऐतिहासिक धरोहरों को भी सुरक्षित करने के लिए पूरी तरह से कोशिश करनी शुरू कर दी है. जिसमे गुमला जिला का नवरत्न गढ़ भी है.
ये किला नागवंशी राजाओं की राजधानी का स्थल रहा है
आपको बताये कि गुमला जैसे आदिवासी बहुल इलाके में मौजूद सिसई प्रखंड का नगर ऐतिहासिक स्थल को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के बाद इसके विकास को लेकर पुरातात्विक विभाग काफी तेजी से काम कर रहा है. सिसई प्रखंड के नगर में मौजूद ये किला नागवंशी राजाओं की राजधानी का स्थल रहा है. इतिहास के पन्नों में इसका पूरा बखान किया गया है.लेकिन रखरखाव के अभाव में यह पूरी तरह से अपने अस्तित्व को खोने की स्थिति में पहुंच चुका था, लेकिन स्थानीय सांसद सुदर्शन भगत की पहल के बाद केंद्र सरकार से इस बात को लेकर चर्चा की गई, जिसके बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा इसे राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया.
राष्ट्रीय धरोहर घोषित होते ही पुरातात्विक विभाग लगातार कर रहा है उत्खनन कार्य किया
वहीं राष्ट्रीय धरोहर घोषित होने के बाद इस स्थल पर पुरातात्विक विभाग के द्वारा लगातार उत्खनन का कार्य किया जा रहा है, जिसके बाद कई ऐसे ऐतिहासिक प्रमाण सामने आ रहे हैं, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. प्रधानमंत्री द्वारा न केवल इस संरक्षित किया जा रहा है बल्कि इसके अंदर छुपे ऐतिहासिक बातों को भी सामने लाने की पूरी कोशिश की जा रही है. जिसको लेकर स्थानीय लोगों ने भी मोदी सरकार की प्रशंसा की है. वहीं खुदाई के बाद कई तरह के आकर्षण ऐतिहासिक चिन्ह प्राप्त हो रहे हैं, जो इस बात को प्रमाणित करते हैं कि निश्चित रूप से एक समय नागवंशी राजाओं की यह राजधानी रही थी.
सरकारी उदासीनता के कारण ध्यान नहीं दिया गया
आपको बता दें कि यहां पर मौजूद जो किला है वह नवताले का हुआ करता था, लेकिन अभी वर्तमान में इसका 6 तल्ला पूरी तरह से ढ़ह गया है, यही कारण है कि इस नवरत्न गढ़ के रूप में भी जाना जाता है.नागवंशी राजाओं की राजधानी के रूप में जाना जाने वाला यह नवरत्न घर इतिहास के पन्नों में अपनी पहचान तो रखे हुए था, लेकिन प्रशासनिक और सरकारी उदासीनता के कारण ध्यान नहीं दिया गया.जिसके कारण यह पूरी तरह से बर्बाद हो रहा था.
रिपोर्ट-सुशील कुमार
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