रांची(RANCHI): राजधानी रांची के बीचों बीचों रिम्स की जमीन कब्जे में लेकर बिल्डर ने एक बड़ा अपार्टमेंट बना दिया. चौकाने वाली बात है कि जमीन की रजिस्ट्री के साथ साथ म्यूटैशन और निगम नक्सा भी पास किया. आलीशान फ्लैट बन कर तैयार हुआ फिर साल एक फ्लैट 50 लाख से एक करोड़ तक बिक्री किया गया. तब तक किसी को भनक भी नहीं लगी की आखिर यह जमीन सरकारी है.अब कोर्ट के आदेश के बाद मापी हुई और फिर आलीशान अपार्टमेंट टूटना शुरू हो गया.
इस टूटते अपार्टमेंट ने कई सवाल को जन्म दिया है और भ्रष्टाचार की कैसी कहानी झारखंड में चल रही है वह खुद गवाही दे रहा है. इसमें कई सवाल है. जब जमीन सरकारी थी तब फिर इसी रजिस्ट्री कैसे हुई अगर रजिस्ट्री हो भी गई तो फिर म्यूटैशन कैसे हो गया. चलो मान लिया यहां भी गलती हुई होगी. CO साहब के पास लोड काफी होता है. लेकिन अब नगर निगम ने नक्सा कैसे पास किया है और RERA झारखंड (झारखंड रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण) ने भी आँख बंद कर फाइल को आगे बढ़ा दिया.
अब इतने अधिकारी तो गलती कर नहीं सकते है. और इसमें बड़े पैमाने पर खेल होने का दावा किया जा रहा है. क्योंकि मिडिल क्लास परिवार ने लोन और सब कमाई लगा कर एक फ्लैट खरीदा था. जो अब गृह प्रवेश होने से पहले ही टूटने लगा है. ऐसे में अब यह पूरा खेल इशारा कर रहा है कि बड़ा खेल पूरे अपार्टमेंट बनाने सेलेकर बिक्री करने तक खेला गया. और करोड़ों रुपये का कमीशन अधिकारियों तक पहुंचा है.
स्थानीय लोगों के मुताबिक अपार्टमेंट बनने की शुरुआत साल 2020 में हुई. और इसी साल रांची में जमीन का बड़ा खेल भी हुआ था. जिसमें रांची के तत्कालीन डीसी से लेकर कई अधिकारी सलाखों के पीछे पहुंचे है.करीब हजारों करोड़ रुपये के जमीन घोटाले का खुलासा हुआ था. फिलहाल छवि रंजन जमानत पर बाहर है. लेकिन जब इसी जांच होगी तो एक और मामला सामने आएगा.
इस पूरे कहानी पर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि झारखंड में जमीन का खेल खूब हुआ है. सत्ता के शीर्ष में बैठे लोगों ने एक बड़ा सिंडीकेट बना कर लूटने का काम किया है. जब राज्य में सरकारी जमीन यानि रिम्स अस्पताल की जमीन रजिस्ट्री करने के बाद फ्लैट बना कर बेच दिया गया. जिसमें मिडिल क्लास परिवार का पैसा बर्बाद हुआ है. उन्होंने इस मामले की जांच के साथ साथ सभी पीड़ित परिवार का वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है.
यह खुलासा हाई कोर्ट के एक आदेश के बाद हुआ है. जब कोर्ट ने रिम्स परिसर के आस पास अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया और जमीन की मापी शुरू की गई. तब लोगों के पैर तले जमीन खिसक गई. कैसे लोगों को बेवकूफ पूरे सिस्टम ने बनाया है.
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