टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर जेएमएम ने राजभवन पर तोहमते लगायी थी और राज्यपाल की भूमिका पर भी सवाल खड़े किया था. हालांकि, झारखंड के राज्यपाल सी.पी राधकृष्णन ने मीडिया से रुबरु होकर साफ-साफ इन आरोपों को खारिज भी किया औऱ किसी भी किरदार में शामिल होने से इंकार किया.
जेएमएम ने महामहिम से पूछा सवाल
झारखंड मुक्ति के प्रवक्ता औऱ महासचिव सुप्रीय भट्टाचार्य ने एकबार फिर राजभवन से सवाल पूछा है कि आखिर कौन दो विधायक थे, जो हैदराबाद नहीं जा रहे थे . राज्यपाल उनकी जानकारी दें, राज्यपाल का काम सरकार को सलाह देने का हैं. सुप्रीयों ने बीजेपी पर भी निशाना साधा और बोला कि प्रदेश की जनता के बीच जो भ्रम की स्थिति पैदा हुई, उनके लिए बीजेपी वाले दोषी है. सुप्रीयो ने कहा कि पुरानी सरकार के कई विधेयक राजभवन में पड़े हुए हैं. उसे पारित करिए और राज्य के विकास में सहयोग करें.
सरकार बनने में देरी पर उठे सवाल
गौरतलब है कि सरकार बनाने का न्योता देने में देरी के सवाल पर राज्यपाल सी.पी राधकृष्णन ने भी सफाई दी थी. उनका कहना था कि मीडिया में जो खबरें आ रही थीं उसमें लग रहा था कि चंपई सोरेन के पास बहुमत नहीं है. इसे लेकर उनके पास एक-दो फोन भी आए थे जिसमें समर्थन नहीं देने की बात कही गई थी. ऐसी परिस्थिति में सरकार बनाने का न्योता देने में कुछ समय लेना जरूरी था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कि सरकार बनाने का न्योता देने से पहले कानूनी सलाह भी ली.
झारखंड के राज्यपाल के इसी बात पर जेएमएम प्रवक्ता सुप्रीयो भट्टाचार्य ने सवाल उठाया और महामहिम से पूछा कि कृपया करके उन विधायकों का नाम बताए, जिनके फोन उनके पास आए थे.
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