धनबाद(DHANBAD): धनबाद और हजारीबाग से सांसद चुने गए ढुल्लू महतो और मनीष जायसवाल ने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. दोनों ने स्पीकर रविंद्र नाथ महतो को अपना इस्तीफा सौंपा है. लोकसभा चुनाव में झारखंड से चार विधायक सांसद बनकर दिल्ली पहुंचे हैं. इनमें भाजपा से ढुल्लू महतो और मनीष जायसवाल शामिल हैं. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा से विधायक जोबा मांझी और नलिन सोरेन भी सांसद बने हैं, लेकिन उन लोगों ने अभी तक अपने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है.
इधर, झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है. सभी तैयारी में जुट गए हैं. कांग्रेस का दावा है कि वह झारखंड विधानसभा की 33 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. 2019 में 31 सीटों पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था. विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को मांडर से जीत मिली और पड़ैयाहाट से झारखंड विकास मोर्चा के विधायक प्रदीप यादव कांग्रेस में शामिल हो गए. ऐसे में कांग्रेस पार्टी इन सभी 33 सीटों पर चुनाव की तैयारी शुरू करने का निर्देश प्रदेश समिति को दिया है .बुधवार को झारखंड प्रदेश कार्य समिति की बैठक में प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने पार्टी के पदाधिकारियों को इसके निर्देश दिए हैं.
2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 43 और राजद ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा था. कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा है कि लोकसभा चुनाव की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जा रही है. यह कमेटी प्रदेश अध्यक्ष से लेकर बूथ एजेंट के काम की समीक्षा करेगी. कमेटी को 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देनी है. इसके बाद स्पष्ट हो जाएगा कि पार्टी किन कारणों से पांच सीटों पर जीत हासिल नहीं कर सकी. प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित कांग्रेस की इस बैठक में लोकसभा चुनाव के हर सीट की समीक्षा की जानी है. मीर ने कहा कि जनता ने हमें इतना मजबूत कर दिया है कि केंद्र में अब तानाशाही सरकार नहीं कर सकती. जब तक हम पूरी समीक्षा नहीं कर लेते, अगला कदम मजबूती से नहीं उठा सकते हैं .हम जीती और हारी दोनों सीटों की हर स्तर पर समीक्षा करेंगे. कमजोर कड़ी को ढूंढना है और उसे मजबूत करना है.
कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में कल 7 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिनमें दो पर विजय रही. इधर, झारखंड विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता के चयन के लिए पार्टी आलाकमान को अधिकृत कर दिया गया है. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में बुधवार की देर शाम यह निर्णय लिया गया. आलमगीर आलम के मंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद और विधायक दल के नेता से त्यागपत्र दिए जाने के बाद दोनों पद खाली हुए हैं .
इधर, झारखंड मुक्ति मोर्चा का कहना है कि हम तो कुल81 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं.झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे ने कहा कि पार्टी बहुत मजबूती से हर सीट पर लड़ने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि हर सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा संगठन की मजबूती का ही परिणाम है कि इस लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को 5 सीटों पर जीत हासिल हुई है. विधानसभा चुनाव को देखते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा संगठन को बूथ स्तर से लेकर केंद्रीय स्तर तक और मजबूत करने का काम कर रहा है. झारखंड में इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं. पिछली बार 2019 में झारखंड मुक्ति मोर्चा 43 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 30 पर जीत मिली थी.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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