देवघर(DEOGHAR): बाबानगरी देवघर एक पवित्र तीर्थ स्थल है. द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक बैद्यनाथ यहाँ स्थापित है. इसके अलावा यहां कई ऐसे मनोरम स्थल है और आश्रम जहां देश विदेश के लोग सालों भर आते है. दूसरी ओर देवघर का तेजी से विकास भी हो रहा है.जगजाहिर है कि जहां विकास होता है वहां की आवादी भी बढ़ने लगती है.ऐसे में आपराधिक घटनाओं में भी इजाफा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है. सड़को का जाल बिछने से सड़क दुर्घटना में भी बढ़ोतरी हो जाती है. अधिकांश सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण रैश ड्राइविंग को माना जाता है. पवित्र तीर्थ नगरी होने की वजह से देवघर में आपराधिक घटनाओं पर पूर्णतः अंकुश लगाने के साथ साथ सड़क दुर्घटनाओं को कम या न के बराबर करने की पहल जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है. उपायुक्त विशाल सागर के आदेशानुसार शहर के मुख्य चौक चौराहे और ब्लैक स्पॉट पर हाई सिक्युरिटी कैमरा को स्थापित करवाया जा रहा है.
कैमरा से इनलोगो की होगी निगरानी
देवघर में प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन होता रहता है. बाबा मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए बड़ी संख्या में लोग सड़क मार्ग से भी आते है. कभी कभी दूसरी ओर से आ रही अनियंत्रित वाहनों द्वारा श्रद्धालुओं के वाहन में टक्कर मारने की घटना भी सामने आती रहती है,या फिर यात्रियों के साथ कुछ आपराधिक घटना घटित होने का भी मामला सामने आता रहता है. जिसकी वजह से जिला प्रशासन को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है,ऐसे में इन घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन अब तीसरी आंख का सहारा ले रही है. सुचारू यातायात और सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा जिससे वाहनों का नम्बर प्लेट भी पढ़ा जा सकता है, व्यापक पैमाने पर लगवा रही है. शहर के विभिन्न चौक चौराहे एवं संभावित क्षेत्रों में हाई सिक्युरिटी कैमरा को युद्ध स्तर पर स्थापित करवाया जा रहा है. फिलहाल 11 जगहों पर इसको स्थापित किया जा रहा है. जिसकी मोनिटरिंग कंपोजिट कंट्रोल रूप से की जाएगी. आनेवाले दो दिनों में सभी कैमरा चालू होकर हर गतिविधि पर नज़र बनाने लगेगी.
लोकसभा चुनाव में भी कारगर सिद्ध होगी
वहीं स्थापित सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से लोकसभा चुनाव के दौरान अंतर्राज्यीय व अंतर जिला के वाहनों पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी निगरानी की जाएगी.इसके माध्यम से छोटे बड़े वाहनों से लूटपाट, छिनतई जैसी आपराधिक घटनाओं पर भी अंकुश लगाया जा सकता है. चुनाव के दौरान इसके माध्यम से असामाजिक तत्वों पर भी पैनी नज़र बनाई जा सकती है या फिर असंवेदनशील गतिविधियों की निगरानी भी की जा सकती है. प्रशासन का मानना है कि सीसीटीवी के माध्यम से वह रैश ड्राइविंग और असामाजिक तत्वों पर अंकुश लगा सकती है. इससे पहले भी शहर में सीसीटीवी लगाया गया था लेकिन वह कुछ दिन ही चल सका. अब देखना होगा कि इस बार प्रशासन की यह कोशिश कितना रंग दिखायेगी.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा
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